
राजस्थान बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर उठा बवाल शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. इस बवाल में अब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का फैसला भी डगमगाने लगा है. राजस्थान के करीब 15 मंत्री दिल्ली में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को बनाने के खिलाफ डेरा डाले हुए हैं. साथ ही बीजेपी के जाट और दूसरे जाति के विधायक भी दिल्ली में जाकर केंद्रीय नेतृत्व के फैसले के खिलाफ बीजेपी नेताओं को समझाने में लगे हैं.
वहीं बताया जा रहा है कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व अब और इस मामले पर छीछालेदर कराने के मूड में नहीं है. इसलिए मंगलवार को राजस्थान में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी. यह भी कहा जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने करीब- करीब साफ कर दिया है कि कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह राजस्थान के बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष होंगे.
जितनी जल्दबाजी में केंद्रीय नेतृत्व में राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष अशोक परनामी का इस्तीफा लिया था उतना ही नए अध्यक्ष को बनाने में देरी हो रही है. राजस्थान में जैसे ही यह खबर लगी कि केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है. राजपूत समेत दूसरी जाति के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का सिलसिला शुरु कर दिया .
माना जा रहा है कि इस तरह से केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ पहली बार किसी राज्य में इतने बड़े स्तर पर बगावती सुर उठे हैं. यह पहला मौका है जब बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व किसी राज्य में खुद के स्तर पर नाम तय करने के बावजूद उसे घोषित नहीं कर पा रहा है. इसकी बड़ी वजह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का विरोध है.
विधानसभा चुनाव जीतना मुश्किल
वसुंधरा राजे के समर्थक मंत्रियों और विधायकों ने सोमवार को भी बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर गजेंद्र सिंह के नाम पर एतराज जताया है. इनका तर्क है कि अगर गजेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है तो बीजेपी के लिए विधानसभा चुनाव जीतना मुश्किल होगा. वसुंधरा राजे के करीबी मंत्री यूनुस खान, प्रभु लाल सैनी, रामप्रताप, राजपाल सिंह, बाबू सिंह राठौड़, कृष्ण दीपक, अजय किलक, गजेन्द्र सिंह खिंवसर समेत कई मंत्री लगातार दिल्ली में बीजेपी नेताओं से मिल रहे हैं. कहा जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व को लगता है कि गजेन्द्र सिंह लंबे समय से आरएसएस से जुड़े रहे हैं. बीजेपी के कद्दावर नेता रहे भैरों सिंह शेखावत की तरह यह भी गजेंद्र सिंह शेखावत है. लेकिन प्रदेश के नेताओं को लगता है कि राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी राजपूत हैं. प्रदेश अध्यक्ष भी अगर राजपूत हो गया तो बाकी जातियां नाराज हो जाएगी और बीजेपी का चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा.
वहीं केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के बेटे ने तो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पेज पर जाकर यह लिख दिया कि अगर गजेंद्र सिंह शेखावत को अध्यक्ष बनाया गया तो कांग्रेस को 140 सीटें आएंगी. हालांकि बाद में जैसे ही यह पोस्ट वायरल हुआ अर्जुन राम मेघवाल के बेटे रवि शेखर ने कहा कि दफ्तर में उनका मोबाइल टेबल पर रखा हुआ था. किसी ने उठाकर उनके मोबाइल से अमित शाह के पेज पर पोस्ट कर दी मैंने नहीं किया है.