
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राजीव गांधी हत्या मामले में बड़ी साजिश पर मल्टी डिस्पेलनरी मॉनिटरिंग एजेंसी (MDMA) से ताजा स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने 4 सप्ताह के भीतर अपनी स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है. कोर्ट ने यह आदेश हत्याकांड के दोषी पेरारीवलन की याचिका पर दिया है.
एजी पेरारीवलन की याचिका में कहा गया है कि जब तक मल्टी डिस्पेलनरी एजेंसी की जांच पूरी नहीं होती उनकी सजा निलंबित रखी जाए.
2017 में राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी एजी पेरारीवलन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. पेरारीवलन ने अपनी याचिका में अपनी उम्रकैद की सजा को निलंबित करने की मांग की है. याचिका में कहा गया कि जब तक मल्टी डिस्पेलनरी एजेंसी की जांच पूरी नहीं होती उनकी सजा निलंबित की जाए. ये एजेंसी 1998 में जस्टिस जैन कमिशन की सिफारिश के आधार पर बनी थी.
26 साल से जेल में कैद पेरारीवलन
एजी पेरारीवलन के वकील ने बताया कि वो 26 साल से जेल में हैं और उन्हें 9 वोल्ट की दो बैटरी सप्लाई के लिए दोषी करार दिया गया था, जिससे बम बनाकर राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी.
उन्होंने सीबीआई के एसपी त्यागराजन के हलफनामे का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि पेरारीवलन से बैटरी सप्लाई के बारे में सवाल नहीं किए. MDMA भी अब तक उस शख्स से पूछताछ नहीं कर पाई है, जिसने बम बनाया था और वो श्रीलंका में है.