
दिलचस्प बात यह है कि नीतीश कुमार पर पाकिस्तानी अखबार में विज्ञापन देने का आरोप लगाकर बीजेपी खुद फंस गई. मामले को जाने-समझे बिना प्रतिक्रिया देना बीजेपी नेताओं पर भारी पड़ गया.
केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि वोट के लालच में नीतीश पकिस्तान पहुंच गए हैं. हालांकि उन्हें जब हकीकत का पता चला, तो उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया. रूडी ने वेबसाइड पर नीतीश कुमार के ऐड को लेकर ट्वीट किया था कि वे कौन से वोटर को लुभा रहे हैं.
क्या है पूरा मामला...
दरअसल, गूगल किसी भी वेबसाइट के रीडर्स की लोकेशन और ब्राउजिंग हैबिट के आधार पर उन वेबसाइटों पर ऐड देता है. 'डॉन' की वेबसाइट पर उस ऐड को JDU ने नहीं डलवाया था.
बिहार में मचा सियासी घमासान
इस विज्ञापन को लेकर बिहार की सियासत में उफान आ गया. बीजेपी नेता अश्विनी चौबे ने कहा कि चुनाव के बाद बिहार की जनता नीतीश कुमार को पाकिस्तान भेज देगी. दूसरी ओर, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने तो नीतीश कुमार के बिहारी होने पर ही सवाल उठा दिया. उन्होंने कहा, 'अगर वो बिहारी होते, तो विज्ञापन बिहार में देते. अमित शाह की बात भी सही साबित हुई कि बिहार में बीजेपी चुनाव हारती है, तो पाकिस्तान में पटाखे फूटेंगे.'
...और बोलकर फंस गए नेता
सुशील मोदी ने कहा कि JDU ने पाकिस्तान में रह रहे बिहारियों के सगे-सम्बधियों के लिए विज्ञापन दिया है, ताकि वे लोग फोन करके यहां रहने वाले लोगों को नीतीश-लालू को वोट करने को कहें.
बीजेपी नेता साध्वी निरंजना ने विज्ञापन मामले पर कहा कि नीतीश घबरा गए हैं, इसलिए वे इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. उन्होंने कहा, 'वह देश हमारा कट्टर दुश्मन है. वहां इस तरह के विज्ञापन छापवाना देश के लिए ठीक नहीं है.'