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केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 'मैरिटल रेप' के विवादास्पद विषय पर चुप्पी साधे रखी. नई दिल्ली में गुरुवार को बीएसएफ के एक कार्यक्रम में पहुंचे राजनाथ से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो वह जवाब देने से बचते नजर आए.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बुधवार को बलात्कार को कानूनन अपराध बनाने से इनकार कर दिया है. सरकार का कहना है कि भारत में 'वैवाहिक बलात्कार' की कोई अवधारणा लागू नहीं की जा सकती क्योंकि यहां विवाह को संस्कार माना जाता है.
गृह मंत्री गुरुवार को बीएसएफ की 'भारत में बॉर्डर मैनेजमेंट' विषय पर आधारित गोल्डन जुबली सेमिनार में पहुंचे थे. यहां उन्होंने सीमा की सुरक्षा और जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास पर बात की, लेकिन 'मैरिटल रेप' और 'गजेंद्र सिंह की खुदकुशी' जैसे मामलों पर बोलने से बचते नजर आए.
राजनाथ ने कहा कि अगर भारत सुरक्षित नहीं है तो हम विकास नहीं कर पाएंगे. विकास के लिए सुरक्षा का भाव आना जरूरी है और यहां पर ही सुरक्षा बलों की भूमिका अहम हो जाती है.
गृह मंत्री कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास पर भी बोले. उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास हमारी प्राथमिकता है और इसके लिए हमने मुख्यमंत्री से 50 एकड़ जमीन मांगी है.