Advertisement

राज्यसभा उपसभापति चुनाव: NDA-कांग्रेस में सीधी टक्कर, ये दल तय करेंगे नतीजे

राज्यसभा उपसभापति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश सिंह और विपक्ष की ओर से कांग्रेस के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद के बीच कांटे का मुकाबला है. लेकिन दोनों पक्षों के बहुमत के लिए छत्रपों का समर्थन जुटाना होगा.

हरिवंश सिंह और बीके हरिप्रसाद हरिवंश सिंह और बीके हरिप्रसाद
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 08 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 11:01 PM IST

राज्यसभा उपसभापति चुनाव गुरुवार को सुबह 11 बजे होना है. एनडीए और यूपीए के बीच इस पद को लेकर कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है. दोनों पक्ष बहुमत के जादुई आंकड़े से दूर हैं. ऐसे में उच्च सदन के उपसभापति के पद पर जीत तय करने में ऐसे राजनीतिक दलों की अहम भूमिका होगी, जो फिलहाल किसी भी गठबंधन के साथ नहीं हैं. इसीलिए एनडीए अपना कुनबा संभालने के साथ-साथ विपक्ष में सेंध लगाने में जुटी है. वहीं यूपीए विपक्ष के सभी दलों को साधने की कवायद में जुटा है.

Advertisement

जेडीयू के सांसद हरिवंश सिंह एनडीए के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं तो वहीं विपक्ष की ओर कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद प्रत्याशी ने नामांकन किया है. जबकि पहले एनसीपी की वंदना चव्हाण का नाम चल रहा था, लेकिन आखिरी दिन कांग्रेस ने अपने पत्ते खोले हैं.

बता दें कि हाल ही में सेवानिवृत्त हुए उपसभापति पी जे कुरियन का कार्यकाल पिछले महीने यानी जुलाई में समाप्त हो गया था. 245 सदस्यीय राज्यसभा में अभी 244 सदस्य हैं और 1 सीट खाली है. मौजूदा 244 सदस्यीय उच्च सदन में उपसभापति चुनाव को जीतने के लिए 123 मतों की जरूरत होगी. ऐसे में एनडीए और यूपीए दोनों पक्ष बहुमत के आंकड़े से दूर हैं.  

राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव में जीत तय करने में एआईएडीएमके, बीजू जनता दल, टीआरएस, आम आदमी पार्टी और पीडीपी के साथ-साथ निर्दलीय सांसदों की सबसे अहम भूमिका होगी. दोनों पक्ष इन दलों से समर्थन हासिल करने के लिए हाथ पांव मार रहे हैं.

Advertisement

एआईएडीएमके के 13, बीजू जनता दल के 9, इंडियन नेशनल लोकदल के 1, पीडीपी के 2, टीआरएस के 6, वाआईएसआर कांग्रेस 2 और आम आदमी पार्टी के 3 सदस्य हैं. अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बीजेडी और टीआरएस सदन से अनुपस्थित रहे थे. ऐसे में सवाल उठता है कि ये दोनों दल उपसभापति की वोटिंग के दौरान भी क्या सदन से बाहर रहेंगे?

सत्ताधारी एनडीए के राज्यसभा में 99 सांसद हैं. इसमें बीजेपी के 73, शिवसेना के 3, बोडो पीपुल्स फ्रंट के पास 1, जेडीयू के 6,  आरपीआई (ए) के 1, शिरोमणि अकाली दल के 3, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के 1, नामांकित सदस्य 4 सांसद और निर्दलीय 6 सदस्य शामिल हैं.  

सत्तापक्ष की तुलना में विपक्ष की ताकत तोड़ी ज्यादा है. संयुक्त विपक्ष के सांसदों का आंकड़ा 109 है. इसमें कांग्रेस के 50, बीएसपी के 4, टीएमसी के 13, सीपीआई के 2, सीपीएम के 5, डीएमके के 4, इंडियन मुस्लिम लीग के 1, जेडीएस के 1, केरल कांग्रेस के 1, एनसीपी के 4, आरजेडी के 5, एसपी के 13, टीडीपी के 6 सांसद शामिल हैं.

विपक्ष के द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान एआईएडीएमके ने एनडीए का साथ दिया था. इस वजह से यह उम्मीद की जा सकती है वो उपसभापति के चुनाव में भी एनडीए का साथ दे सकती है. एआईएडीएमके को जोड़ने के बाद भी एनडीए का आंकड़ा 112  पहुंच जाता है. हालांकि एआईएडीएमके ने अभी तक तस्वीर साफ नहीं की है.

Advertisement

राष्ट्रपति के चुनाव में बीजेडी ने एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन किया था. उपराष्ट्रपति के चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी के साथ थे. जबकि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बीजेडी सदन से बाहर रही थी. हालांकि बीजेपी ओडिशा में अपनी पैठ बनाने में जुटी है, इस लिहाज से बीजेडी के समर्थन को हासिल करना तोड़ा मुश्किल लग रहा है.

हालांकि, सूत्रों की माने तो मंगलवार को गुलाम नबी आजाद ने नवीन पटनायक से समर्थन के लिए कॉल किया था. लेकिन पहले ही पटनायक ने जेडीयू के नीतीश कुमार के साथ फोन पर समर्थन के लिए हामी भर चुके हैं. इस तरह से बीजेडी के समर्थन करती है तो एनडीए का आंकड़ा 121 पहुंचता है.

टीआरएस के 6 सांसद हैं. विपक्ष की ओर से कांग्रेस के उम्मीदवार के उतरने से टीआरएस के साथ ये मुश्किल खड़ी हो गई है, क्योंकि तेलंगाना में कांग्रेस और टीआरएस आमने-सामने हैं. ऐसे में टीआरएस एनडीए को समर्थन कर सकता हैं. जबकि आम आदमी पार्टी और पीडीपी का एनडीए का साथ जाना मुश्किल हैं. ये दोनों दल विपक्ष के साथ रह सकते हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement