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काले धन पर कड़े कानून का रास्ता साफ, राज्यसभा में भी पास हुआ 'ब्लैक मनी बिल'

काले धन पर कड़े कानून का रास्ता साफ हो गया है. मंगलवार को राज्यसभा में भी 'ब्लैक मनी बिल' पास हो गया. लोकसभा सोमवार को इसे ध्वनि मत से अपनी मंजूरी दे चुकी है. अब बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.

Arun Jaitley Arun Jaitley
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2015,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST

काले धन पर कड़े कानून का रास्ता साफ हो गया है. 'ब्लैक मनी बिल' मंगलवार को राज्यसभा में भी पास हो गया. लोकसभा सोमवार को ही ध्वनि मत से इसे अपनी मंजूरी दे चुकी है. अब बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.

इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके खुशी जताई. उन्होंने लिखा, 'ब्लैक मनी बिल का पास होना ऐतिहासिक मौका है. मैं व्यक्तिगत रूप से बहुत खुश हूं. इससे यह मुद्दा हमारी प्राथमिकता में होने का संकेत मिलता है.'

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इस बिल में भारी जुर्माने और आपराधिक मुकदमे की कार्रवाई का प्रावधान है. सरकार ने ऐसी आशंकाओं को खारिज किया कि इसमें प्रस्तावित सख्त प्रावधानों से भोले-भाले लोगों को परेशान किया जा सकता है.

 

कानून लागू होने से पहले दिया जाएगा थोड़ा वक्त
अघोषित विदेशी आय और आस्ति (टैक्स इंपोजीशन) बिल 2015 पर चर्चा का जवाब देते हुए सोमवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि जिन लोगों की विदेशों में अघोषित आय है, उन्हें कानून के अनुपालन के लिये थोड़ा समय दिया जाएगा. हालांकि, इस सुविधा के तहत भी उन्हें घोषित आय पर 30 फीसदी टैक्स और 30 फीसदी जुर्माना भरना होगा.

जेटली ने कहा कि अनुपालन का समय खत्म होने के बाद जिस किसी के पास अघोषित विदेशी संपत्ति पाई जाएगी उन्हें ऐसी संपत्ति पर 30 फीसदी की दर से टैक्स और 90 फीसदी की दर से जुर्माना देना होगा. साथ ही उस पर आपराधिक कार्रवाई भी की जाएगी. जेटली के जवाब के बाद सदन ने कालेधन से जुड़े इस बिल को मंजूरी दे दी.

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30 फीसदी टैक्स, 30 फीसदी जुर्माने का प्रावधान
वित्त मंत्री ने कहा कि जो लोग कालाधन मामले में पाक साफ होना चाहते हैं उनके लिये दो हिस्सों में अनुपालन का मौका उपलब्ध होगा जिसके तहत वह संपत्ति की घोषणा कर सकेंगे और उस पर 30 फीसदी टैक्स और 30 फीसदी जुर्माना चुका सकेंगे. उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, विदेशों में रखी अघोषित संपत्ति की जानकारी देने के लिये दो महीने की अनुपालन सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है और 6 महीने के अंदर संबंधित व्यक्ति को टैक्स और जुर्माने का भुगतान करना होगा.

जेटली ने कहा कि इस बिल के कानून बन जाने के बाद कालाधन वापस अर्थव्यवस्था में घोषित संपत्ति के तौर पर आ जायेगा और इससे टैक्स वसूली में सुधार आएगा. आखिरकार इसका लाभ टैक्स दरों में कमी के रूप में सामने आएगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि घरेलू कालेधन की समस्या से निपटने के लिये बेनामी सम्पत्तियों के खिलाफ एक अलग विधेयक जल्द मंत्रिमंडल की बैठक में लाया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘यह कानून कालाधन रखने वालों डराने और उस पर अंकुश लगाने का काम करेगा. इससे लोग इन संपत्तियों की घोषणा करेंगे और वे अर्थव्यवस्था में वापस आएंगी.’ उन्होंने कहा कि इस कानून में विदेशों में रखी संपत्ति के बराबर संबंधित व्यक्ति की भारतीय संपत्ति की कुर्की करने का भी प्रावधान है.

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बड़ी मछलियों पर रहेगी नजर
जेटली ने विपक्ष के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि कालेधन के कड़े प्रावधानों वाले इस कानून से भोले भाले लोगों और छात्रों को प्रताड़ित किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘हम छोटे मोटे उल्लंघन मामले में आगे नहीं बढ़ना चाहते हैं लेकिन इसकी आड़ में बड़ी मछलियां नहीं छूटनी चाहिए.’

वित्त मंत्री ने विपक्ष को जवाब देते हुये कहा, ‘यह सुनिश्चित करने के लिए बड़ी मछलियों के खिलाफ कोई कड़ी कारवाई नहीं की जाए हमें मासूम बेगुनाह लोगों के कंधे पर बंदूक रखकर गोली नहीं चलानी चाहिये.’ इससे पहले विधेयक को चर्चा के लिये पेश करते हुए जेटली ने विपक्षी दलों की इस मांग को खारिज कर दिया कि विधेयक व्यापक विचार विमर्श के लिये स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि विधेयक को पारित करने में देरी से अपराधियों को अपनी अघोषित विदेशी संपत्ति को किसी अज्ञात स्थान पर ले जाने का वक्त मिल जायेगा.

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