
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बुलावे पर आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया रक्षासोमवार को मंत्रालय पहुंचे और इनकी बीच लंबी मुलाकात हुई.
जम्मू-कश्मीर 31 अक्टूबर से केंद्र शासित प्रदेश बनने जा रहा है, ऐसे में सुरक्षा के मद्देनजर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीनों सेना प्रमुखों को निर्देश दे सकते हैं. साथ ही घाटी की सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति के संबंध में जानकारी ले सकते हैं.
भारतीय सेना ने पिछले दिनों जब पाकिस्तान के सीजफायर के उल्लंघन के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में आतंकी कैंपों को तबाह किया था तब भी राजनाथ सिंह ने कहा था कि इस घटना पर वे नजर रखे हुए हैं. सेना प्रमुखों के साथ यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है.
इससे पहले पाकिस्तान की परमाणु धमकियों पर राजनाथ सिंह ने कहा, ‘भारत कभी आक्रामक नहीं रहा. हमने ना कभी किसी पर हमला किया और ना ही कभी किसी की एक इंच ज़मीन पर कब्ज़ा किया. अगर कोई देश की तरफ बुरी नज़र से देखता है तो भारतीय सशस्त्र सेनाएं उसका मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं.’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले हफ्ते नौसेना कमांडरों की बैठक को संबोधित करने के बाद कहा कि वे समुद्र में बरती जा रही कड़ी चौकसी से संतुष्ट हैं जिससे कि फिर कभी 26/11 जैसा हमला ना हो सके. नौसेना ने ऐसे कदम उठाए हैं जिससे कि 26/11 जैसी स्थिति फिर ना हो, ये सुनिश्चित किया जा सके. समुद्री रूट नौसेना की निगरानी में सुनिश्चित है. वर्ष गुजरने के साथ नौसेना की क्षमताएं भी बढ़ी हैं.