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अयोध्या मामला: SC में जमीयत ने कहा- संवैधानिक पीठ को सौंपा जाए केस

जमीयत की तरफ से पेश वकील राजू रामचंद्रन ने कहा कि ये मसला बहुत ही महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे संवैधानिक पीठ के पास भेजा जाना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि विवाद पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि विवाद पर सुनवाई
जावेद अख़्तर/संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 27 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 5:43 PM IST

राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान आज जमीयत उलेमा-ए हिंद ने इस केस को संवैधानिक पीठ के पास भेजने की मांग की है.

जमीयत की तरफ से पेश वकील राजू रामचंद्रन ने कहा कि ये मसला बहुत ही महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे संवैधानिक पीठ के पास भेजा जाना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि हाई कोर्ट ने इसे असाधारण महत्व वाले केस के तौर पर लिया था, कानून के सवाल पर नहीं.

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2010 में आए उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. विवादित जमीन पर सुनवाई के दौरान आज जमीयत की तरफ से पेश वकील ने कोर्ट में ये भी तर्क दिया कि इस केस की संवेदनशीलता के कारण न सिर्फ अयोध्या, बल्कि देश के दूसरे हिस्सों में भी कानून व्यवस्था प्रभावित हुई. हाई कोर्ट के आदेश से कोई भी पक्ष खुश नहीं है, इसलिए सभी ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनोती दी है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्र के लिए ये महत्वपूर्ण मुद्दा है. सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा उसका प्रभाव सामाजिक संरचना पर पड़ेगा, क्योंकि इस केस से देश के दो धार्मिक समुदाय की भावनाएं जुड़ी हुई हैं.

हरीश साल्वे ने क्या कहा

वहीं, हिंदू पक्ष की तरफ से पेश वकील हरीश साल्वे ने कहा कि अब देश 1992 से आगे बढ़ चुका है. उन्होंने कहा कि ये दो संप्रदायों के बीच का नहीं, बल्कि सिर्फ संपत्ति विवाद रह गया है.

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हरीश साल्वे ने कहा कि धर्म और राजनीति की चर्चा अदालत के दरवाजों से बाहर की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि अदालत संपत्ति विवाद से जुड़े इस मामले की गंभीरता को समझती है, तभी इसकी सुनवाई कर रही है.

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