
बीजेपी महासचिव राम माधव बुधवार को अचानक दिल्ली से श्रीनगर पहुंचे. राज्य में सरकार गठन को लेकर जारी उहापोह की स्थिति में राममाधव के इस दौरे को काफी अहम माना जा रहा है. राम माधव ने पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की और शाम में विशेष विमान से दिल्ली लौट गए. दोनों नेताओं के बीच हुई इस मुलाकात में माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन को लेकर और शर्तों को लेकर बातचीत हुई. बीजेपी संसद सत्र से पहले जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन के मामले का हल चाहती है.
7 जनवरी से टल रहा है मामला
जनवरी में मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद से बीजेपी -पीडीपी गठबंधन के बीच सरकार को लेकर सहमति नहीं बन पाई है. इससे पहले इस माह की शुरुआत में भी सरकार गठन को लेकर बातचीत हुई थी लेकिन फिर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. तब कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर में सरकार पर सस्पेंस अभी कम से कम हफ्तेभर जारी रहेगा. कहा गया कि महबूबा मुफ्ती की अध्यक्षता वाली पीडीपी 15 फरवरी के बाद सरकार बनाने को लेकर अंतिम फैसला लेगी. तब तक मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद 40 दिन का शोक पूरा हो जाएगा. पीडीपी ने बीजेपी को यह सूचना दी थी.
फरवरी अंत तक बनेगी सरकार
पीडीपी की ओर से अंतिम फैसला लिए जाने के बाद भी राज्य को सरकार मिलने में कम से कम 10 दिन और लग जाएंगे. यदि पीडीपी और बीजेपी के बीच गठबंधन पर सहमति बनती है तो फरवरी अंत तक ही जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बन पाएगी. हालांकि बीजेपी फिलहाल बहुत आश्वस्त नहीं है.
अब BJP असमंजस में!
बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने को लेकर अब तक पीडीपी असमंजस में थी. लेकिन अब तस्वीर बदलती दिख रही है. बीजेपी ने कहा है कि पीडीपी की ताजा मांगों के बाद सरकार बनाने को लेकर कोई भरोसा नहीं दिया जा सकता. क्योंकि ये सभी मुद्दे गठबंधन एजेंडा में पहले ही रखे जा चुके हैं.
नए चुनाव की संभावना कितनी?
जम्मू-कश्मीर में नए सिरे से चुनाव की संभावना फिलहाल कम दिख रही है. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक बीजेपी नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ शायद ही जाए. सरकार बनेगी तो बीजेपी और पीडीपी ही बनाएंगी. यदि इन दोनों में सहमति नहीं बनती है तो इसके बाद ही नए सिरे से चुनाव की घोषणा की जाएगी. राज्य में सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद के 7 जनवरी को निधन के बाद से ही राष्ट्रपति शासन लागू है.