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समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह यादव के परिवार में चल रही कलह थमने का नाम नहीं ले रही. पार्टी और परिवार पूरी तरह से दो गुटों में बंटा नजर आ रहा है. अब हमले भी आमने-सामने खुलकर हो रहे हैं. शनिवार को सुलह के लिए कई बैठकों का दौर चला, लेकिन नतीजा कुछ निकलकर नहीं आया. अब राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने सपा कार्यकर्ताओं को चिट्ठी लिखकर अखिलेश विरोधियों पर हमला बोला है.
इस चिट्ठी में रामगोपाल यादव ने लिखा है कि सुलह की कोशिश अखिलेश की यात्रा रोकने की साजिश है. कार्यकर्ता अखिलेश के साथ जुटें. अखिलेश विरोधी विधानसभा नहीं पहुंच पाएंगे. रामगोपाल ने साथ ही लिखा है कि अखिलेश की यात्रा विरोधियों के गले की फांस बन गई है. मध्यस्थता करने वाले दिग्भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं. जहां अखिलेश हैं, जीत वहीं है.
रामगोपाल की चिट्ठी की अहम बातें
रामगोपाल यादव ने लिखा है कि हम चाहते हैं कि राज्य में समाजवादियों की सरकार बने जबकि वो यानि (शिवपाल और उनके समर्थक) चाहते हैं कि हर हाल में अखिलेश चुनाव हारें. हमारी सोच पॉजिटिव है, जबकि उनकी सोच नेगेटिव है. रामगोपाल ने लिखा है कि अखिलेश के साथ वो लोग हैं, जिन्होंने पार्टी के लिए खून पसीना बहाया है, अपमान सहा है, जबकि उधर के लोग वो हैं, जिन्होने हजारों रुपया कमाया है, व्यभिचार किया है और सत्ता का दुरूपयोग किया है.
पहले मुलायम को लिखी चिट्ठी
रामगोपाल ने इससे पहले मुलायम सिंह को भी एक चिट्ठी लिखी थी. चिट्ठी में लिखा है कि अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर आगे नहीं करना अखिलेश को कमजोर करना होगा. ऐसा करना पार्टी के लिए बड़ा नुकसानदायक साबित हो सकता है. रामगोपाल यादव ने अपने पत्र में आगे लिखा है कि इस समय अखिलेश को आपके मजबूत साथ की जरूरत है. उन्होंने कहा है कि अखिलेश को सीएम चेहरे के तौर पर आगे नहीं करने से कार्यकर्ताओं और पार्टी कैडर में कन्फ्युजन फैलेगा जो हित में नहीं है.
इससे पहले शनिवार को अखिलेश यादव के बागी तेवरों को देखते हुए मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के पांच वरिष्ठ नेताओं रेवतीरमण सिंह, बेनी प्रसाद वर्मा, माता प्रसाद पांडे, नरेश अग्रवाल और किरणमय नंदा को अखिलेश यादव को समझाने-बुझाने के लिए भेजा, लेकिन बैठक बेनतीजा रह गई.
अखिलेश की नाराजगी से मची खलबली
डेढ़ घंटे चली इस बैठक के बाद अखिलेश यादव ने इन नेताओं से कहा कि उनके पिता मुलायम सिंह यादव आज कल बेटे से ज्यादा अमर सिंह पर भरोसा कर रहे हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि जब तक उनके उठाए गए मसलों को हल नहीं किया जाता, तब तक वह झुकने को तैयार नहीं हैं. अखिलेश यादव ने यह भरोसा भी नहीं दिया कि पार्टी और पिता की इज्जत बचाने के लिए 5 तारीख को हो रहे समाजवादी पार्टी के रजत जयंती समारोह में वो हिस्सा लेंगे.
पार्टी के सालगिरह समारोह में शामिल नहीं होंगे अखिलेश!
ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि रामगोपाल यादव भी 5 नवंबर को हो रहे लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में समाजवादी पार्टी की 25वीं सालगिरह समारोह में मौजूद नहीं रहेंगे. अखिलेश यादव यह बिल्कुल नहीं चाहते कि वह पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं और नेताओं के सामने अमर सिंह के साथ मंच साझा करें.
अखिलेश ने बुलाई मीटिंग
पार्टी चीफ मुलायम सिंह ने 24 अक्टूबर को पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है उससे एक दिन पहले अखिलेश यादव ने सभी पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों और विधायकों की मीटिंग बुलाकर विवाद बढ़ने के संकेत दे दिए.