
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के एक भाई ने दूसरे भाई को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. पार्टी अध्यक्ष शिवपाल यादव ने रामगाोपाल यादव पर तमाम पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. साथ ही उन्हें पार्टी के सभी पदों से भी हटा दिया गया है. वहीं सूत्रों की मानें तो रामगोपाल पर कार्रवाई से सीएम अखिलेश यादव और नाराज हो गए हैं और वो लगातार रामगोपाल के संपर्क में हैं. खबरों की मानें तो अखिलेश गुट भी अपने लोगों पर हो रही कार्रवाई का जवाब देने की तैयारी में हैं और एक-दो दिन में तैयारी के साथ पलटवार किया जाएगा
पार्टी के हालात पर भावुक हुए मुलायम
सपा में मची घमासान पर मुलायम सिंह यादव ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने पार्टी के मौजूदा हालात पर भावुक होते हुए चिंता जताई. नाराजगी जाहिर करते हुए मुलायम ने कहा कि जब मैं रामगोपाल से मिलना चाह रहा था तो वो वक्त देकर कहीं और चले गए. अपने आवास पर हुई इस बैठक में अखिलेश द्वारा निकाले गए लोगों को देखकर मुलायम ने मजाक में कहा कि क्या ये शहीदों की बैठक हो गई?
सोमवार को मुलायम ने बुलाई बड़ी बैठक
मुलायम ने 5 नवंबर को पार्टी के रजत जयंती कार्यक्रम को लेकर चल रही तैयारियों की भी जानकारी ली. वहीं रविवार को हुई बैठक के बारे में मुलायम सिंह ने कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि आज कुछ नहीं कहूंगा, कल बैठक के बाद बोलूंगा, जो पूछना है पूछ लेना. यानी सोमवार को मुलायम पूरे मामले पर अपना बयान दे सकते हैं.
वहीं मुलायम सिंह यादव ने सोमवार लखनऊ स्थित पार्टी दफ्तर में बड़ी बैठक बुलाई है. बैठक में सभी मंत्री, विधायक, सांसद, एमएलसी, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और ब्लॉक प्रमुख शामिल होंगे. बैठक में अखिलेश यादव भी शामिल होने के लिए पहुंचेंगे.
पार्टी से निकाले जाने का दुख नहीं:रामगोपाल
वहीं पार्टी से निकाले जाने पर रामगोपाल यादव का बयान सामने आया है. रामगोपाल ने कहा, 'मुझे पार्टी से निकाले जाने का दुख नहीं है, मुलायम सिंह मेरे गुरु हैं और रहेंगे. इस धर्मयुद्ध में मैं अखिलेश के साथ हूं और अगली बार सीएम बनने तक साथ रहूंगा'. उन्होंने कहा कि इस वक्त मुलायम आसुरी शक्तियों से घिरे हुए हैं और जब वो इससे मुक्त होंगे तो उनको सच्चाई पता चलेगी.
अपने विरोधियों पर हमला करते हुए रामगोपाल यादव ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलाल अखिलेश यादव को हराना चाहते हैं, लेकिन वो कामयाब नहीं हो पाएंगे. उन्होंने कहा कि उनपर बीजेपी ने मिले होने का जो आरोप लगाया गया है वो उनके लिए बेहद पीड़ा दायक है. क्योंकि राजनीति में दूसरे दलों के नेताओं से मिलना कोई अपराध नहीं हैं.
रामगोपाल पर परिवार में फूट डालने का आरोप
शिवपाल ने आरोप लगाया है कि प्रोफेसर रामगोपाल यादव हमेशा से पार्टी को कमजोर करने की साजिश में जुटे रहे. शिवपाल की मानें तो रामगोपाल उनके खिलाफ भी साजिश रचते रहे हैं. रामगोपाल यादव को पार्टी से निष्कासन का ऐलान करते हुए शिवपाल ने कहा कि घोटाले में फंसे बेटे और बहू को बचाने के लिए रामगोपाल ने बीजेपी से हाथ मिला लिया है.
रामगोपाल पर जमकर बरसे शिवपाल
प्रेस कॉन्फेंस में शिवपाल यादव ने पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव का हवाला देते हुए कहा कि रामगोपाल यादव के खिलाफ नेताजी ने ये फैसला लिया है और पार्टी के सभी सदस्यों को ये फैसला मान्य है. शिवपाल रामगोपाल पर बरसते हुए कहा कि वो प्रोसेफर हैं. लेकिन उन्होंने अपने दिमाग का इस्तेमाल पार्टी को मजबूत करने के बजाय पार्टी को कमजोर करने में इस्तेमाल किया. यही नहीं, शिवपाल ने कहा कि परिवार में फूट की वजह भी रामगोपाल हैं और हमेशा से वो पर्दे के पीछे से तिकड़म करते रहे हैं जो अब बर्दाश्त से बाहर हो गया.
शिवपाल को अखिलेश ने कैबिनेट से हटाया
दरअसल रविवार सुबह से सपा में एक-दूसरे को बाहर निकालने की कार्रवाई जारी है. सबसे पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने सरकारी आवास पर विधायकों की बैठक बुलाई. बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए शिवपाल समेत 4 मंत्रियों को कैबिनेट से हटाया दिया. शिवपाल के अलावा मंत्रिमंडल से नारद राय, ओम प्रकाश सिंह और शादाब फातिमा को बाहर का रास्ता दिखाया गया है. अखिलेश ने अमर सिंह की करीबी जया प्रदा को यूपी फिल्म डेवलपमेंट काउंसिल से भी हटा दिया है. इसके अलावा अखिलेश ने बैठक में कहा कि जो भी अमर सिंह के साथ है, उनको हटाया जाएगा. जिस व्यक्ति ने पार्टी में झगड़े पैदा किए उनको माफी नहीं दी जाएगी. बैठक में शिवपाल सर्मथकों को नहीं बुलाया गया था.
सीएम की कार्रवाई से बिफरे शिवपाल
वहीं कैबिनेट से बर्खास्त किए जाने पर शिवपाल यादव ने सीधे तौर पर रामगोपाल यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि सीबीआई से बचने के लिए उन्होंने बीजेपी से हाथ मिलाया है. मुख्यमंत्री को समझना चाहिए था, वह समझ ही नहीं रहे. शिवपाल की मानें तो उन्हें अपनी बर्खास्तगी की चिंता नहीं है. शिवपाल ने कहा कि वो चुनाव में जाने के लिए तैयार हैं, पिछला चुनाव नेताजी के नाम पर लड़ा था, इस बार भी उनके नेतृत्व में चुनाव में जाएंगे और जीतेंगे. उन्होंने कहा कि नेताजी ने मेहनत से पार्टी खड़ी की है. बहुत दिनों से पार्टी को कमजोर करने का षड्यंत्र चल रहा था.
रामगोपाल ने फोड़ा 'चिट्ठी बम'
इससे पहले रविवार को ही रामगोपाल यादव ने कार्यकर्ताओं को चिट्ठी लिखकर अखिलेश विरोधियों पर निशाना साधा था. चिट्ठी में लिखा था कि सुलह की कोशिश अखिलेश की यात्रा रोकने की साजिश है. कार्यकर्ता अखिलेश के साथ जुटें. अखिलेश विरोधी विधानसभा नहीं पहुंच पाएंगे. रामगोपाल ने साथ ही लिखा है कि अखिलेश की यात्रा विरोधियों के गले की फांस बन गई है. मध्यस्थता करने वाले दिग्भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं. जहां अखिलेश हैं, जीत वहीं है.