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बढ़ते हुए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन फ्रॉड को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कुछ गाइड लाइन्स जारी की हैं. इससे इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन सेफ और सिक्योर होंगे. रिजर्व बैंक ने एक नोटिफिकेशन में कहा है कि ग्राहक इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन में हुए फ्रॉड को रिपोर्ट करके इससे बच सकते हैं. तीन वर्किंग डे के भीतर रिपोर्ट करने पर ग्राहक के चोरी हुए पैसे 10 दिनों के अंदर अकाउंट में जमा कर दिए जाएंगे.
अब बैंक के मैसेज के रिप्लाई में कर सकते हैं शिकायत
रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों के लिए उनके कस्टमर्स का मोबाइल नंबर रजिस्टर करके टेक्स्ट अलर्ट को भी अनिवार्य किया है. इतना ही नहीं अलर्ट मैसेज का रिप्लाई करके ग्राहक अब अनधिकृत ट्रांजैक्शन को रिपोर्ट कर सकते हैं.
रिजर्व बैंक द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के तहत किसी भी तरह की ऑनाइन ट्रांजैक्शन में हुई धोखाधड़ी का निपटारा किया जाएगा. इनमें स्टोर्स में किए गए इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन्स भी शामिल होंगे.
बैंकों को कहा गया है कि वो ट्रांजैक्शन के होम पेज पर किसी भी अनधिकृत ट्रांजैक्शन के लिए रिपोर्ट करने का ऑप्शन प्रदान करे. इसके अलावा किसी भी फ्रॉड की शिकायत फोन बैंकिंग, एसएमएस, ईमेल, कॉल सेंटर और इंटरऐक्टिव रेस्पॉन्स के जरिए की जा सकेगी.
ई-मेल में भी रिप्लाई का ऑप्शन होगा जिससे डायरेक्ट फ्रॉड की शिकायत की जा सकती है. इससे पहले तक बैंक के तरफ से आने वाले ईमेल में रिप्लाई करने का ऑप्शन नहीं दिया जाता था.
इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग के ट्रांजैक्शन के तहत इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम और प्वॉइंट ऑफ सेल शामिल हैं.
किसी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में थर्ड पार्टी सेंध लगी है यानी किसी न तो ग्राहक की गलती है न ही बैंक की तो ऐसी स्थिति में ग्राहक की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी. हालांकि ग्राहक को तीन वर्किंड डे के अंदर बैंक को फ्रॉड के बारे में बताना होगा.