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नोटबंदी: औवेसी के धर्म के आधार पर भेदभाव के आरोपों का दिल्ली में रियलिटी चैक

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में इंडियन बैंक के एटीएम के आगे कतारों में खड़े लोगों से जब ये सवाल पूछा गया तो एक ने जैसे ही ओवैसी की बात का समर्थन किया

नोटबंदी का रियलटी टेस्ट नोटबंदी का रियलटी टेस्ट
संजय शर्मा
  • नई दिल्‍ली,
  • 13 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 6:55 PM IST

नोटबंदी के बाद एटीएम से नोट मुहैया कराने में भी धार्मिक आधार पर भेदभाव के सरकार पर ओवैसी के आरोप को मुसलिम बहुल इलाकों में ही सिरे से नकार दिया गया. दिल्ली के ओखला और पुरानी दिल्ली के बल्ली मारान और जामा मसजिद इलाके में भी लोगों ने कहा कि देश भर में किल्लत है, लिहाजा ये इल्जाम मुनासिब नहीं कि सरकार धार्मिक आधार पर मुसलिम बहुल इलाकों के एटीएम में जानबूझ कर कम नकदी भिजवा रही है.

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जामिया मिल्लिया इस्लामिया के स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में इंडियन बैंक के एटीएम के आगे कतारों में खड़े लोगों से जब ये सवाल पूछा गया तो एक ने जैसे ही ओवैसी की बात का समर्थन किया कि आगे पीछे खड़े लोगों ने उनको लपक लिया. पहले जवाब देने वाले जनाब जिन्होंने अपना नाम जमील बताया फौरन कहा कि ओवैसी ने बिल्कुल सही कहा है, क्योंकि वो हमेशा सही कहते हैं. फैसले से दिक्कत तो बहुत हो रही है इनके जुमले पूरे भी नहीं हुए कि आगे खड़े स्याह सफेद दाढ़ी वाले बड़े मियां टूट पड़े क्या खाक सही कहा है. क्या दिल्ली के बाकी इलाकों में सारे एटीएम में चौबीसों घंटे रुपये रहते हैं. क्या देश भर में सिर्फ मुस्लिम इलाकों में ही एटीएम से नकदी निकासी की दिक्कत है.

एक नौजवान साकिब ने भी कहा कि अगर ओवैसी ये कहते कि शहरों के मुकाबले गांवों में ज्यादा दिक्कत है तो बात सही थी. लेकिन इस मुद्दे पर राजनीति और खासकर सांप्रदायिक आधार पर लाइन खींचना कतई उचित नहीं है. पत्रकारिता की एक छात्रा ने भी जैसे ही ओवैसी की बात का समर्थन किया उसकी सहेली ने फौरन उसकी बात काटते हुए कहा कि ये सही नहीं है.

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काम नहीं कर रहे एटीएम

ओखला इलाके की आबादी 10 लाख के करीब है, यहां दस बड़े बैंकों के 48 एटीएम हैं. लेकिन नकदी तीन से सात एटीएम में ही मिल रही है, कुछ तीन चार एटीएम में तो नियमित रूप से नकदी भरी जाती है. लेकिन बाकी 30 से 35 एटीएम में पिछले 35 दिनों से या तो नकदी आई नहीं और आई भी तो दो या तीन बार से ज्यादा नहीं.

वहीं पुरानी दिल्ली के बल्ली मारान, जामा मस्जिद और चितली कबर इलाके में आबादी 11 लाख से ज्यादा है. मु्स्लिम बहुल इन इलाकों में बड़े छोटे और देसी विदेशी बैंकों के एटीएम तो 25 हैं लेकिन कैश चार पांच एटीएम से ज्यादा में नहीं है हमने भी कई एटीएम का मुआयना किया तो देखा कि अधिकतर के शटर आधे झुके हुए थे.

शकील अहमद ने बताया कि तंग गलियों में नहीं बल्कि एटीएम चौड़ी सड़कों पर हैं लेकिन दिक्कत यही है कि हम तो पैसे निकालने अपने इलाके से बाहर भी गये. खारी बावली, पीली कोठी, लाहौरी गेट के कारोबारी इलाकों तक में गये लेकिन मजाल है कि इक्का दुक्का एटीएम के अलावा कहीं शटर भी खुला मिला हो.

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