
67वें गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर इतिहास लिखा गया. पहली बार किसी विदेशी सेना ने राजपथ पर मार्च किया. चीफ गेस्ट फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद की मौजूदगी में फ्रांस की सेना ने राजपथ पर हुई परेड में हिस्सा लिया. समारोह में दुनिया ने हिंदुस्तान का शौर्य देखा, आतंक के खिलाफ एकजुट हुई दो ताकतों का मिलन देखा. फ्रांस की सबसे पुरानी 35वीं इंफैंट्री रेजिमेंट के 76 सैनिकों की टुकड़ी ने परेड में हिस्सा लिया. इनमें 48 म्यूजिशियन थे.
इंडिया गेट को चूमकर निकले जेट
यह भी रहा खास
और सांस्कृतिक विविधता भी
राजपथ पर अलग-अलग राज्यों के सांस्कृतिक नृत्य देखकर फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद भी मंत्रमुग्ध हो गए. राजस्थानी लोकगीत 'धरती धोरां री' पर नृत्य की झांकी पेश की गई, तो पंजाब के नृत्य ने भी विदेशी मेहमानों का ध्यान खूब खींचा. समारोह में 17 राज्यों की झांकियां प्रस्तुत की गई. इनके अलावा मंत्रालयों ने भी अपनी झांकियां पेश की.
बॉर्डर पर झूमे फौजी
वाघा बॉर्डर पर फौजी जमकर झूमे. वहां सैनिकों ने डांस कर जश्न मनाया. वाघा बॉर्डर पर पाक रेंजर्स और बीएसएफ ने एक दूसरे को मिठाइयां भी दीं.