
ओलंपिक में नीदरलैंड्स के साथ गुरुवार को हुए एक अहम मुकाबले में भारतीय हॉकी टीम को 2-1 से शिकस्त झेलनी पड़ी. ग्रुप बी में भारतीय टीम की ये दूसरी हार थी. इससे पहले जर्मनी के हाथों भारतीय हॉकी टीम को हार का मुंह देखना पड़ा था. इस हार के बावजूद भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई है. भारतीय टीम 26 साल बाद ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंची है.
भारत को मिली दूसरी हार
इस मुकाबले में 2-1 से पीछे चल रही भारतीय हॉकी टीम को आखिरी के सेकेंड में पांच पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन भारतीय खिलाड़ी एक को भी गोल में नहीं बदल सके. रियो ओलंपिक में भारत की ये दूसरी हार है. तीसरे क्वार्टर के आखिरी और चौथे क्वार्टर के शुरुआती मिनटों में भारतीय हॉकी टीम को 9 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा, क्योंकि फाउल की वजह से अंपायर ने सुनील और वीआर रघुनाथ को यलो कार्ड दिखा दिया था.
दोनों टीमों के बीच हुई कांटे की टक्कर
दोनों ही टीमों के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला. लेकिन नीदरलैंड्स ने 32वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर के जरिए पहला गोल दागा. एक गोल से पीछे चल रही भारतीय टीम ने 38वें मिनट में वापसी की. भारत को पेनाल्टी कॉर्नर मिला और वी. रघुनाथ ने उसे गोल में बदल कर भारत को बराबरी पर ला दिया.नीदरलैंड्स के हमले लगातार जारी रहे
पुरानी गलतियों से सबक लेना होगा
भारतीय टीम एक बार फिर से पिछले मुकाबलों की तरह आखिरी के मौकों पर पिछड़ गई और आखिरी सेंकेंड में मिले 5 पेनल्टी कॉर्नर पर भी गोल नहीं कर सकी. शुरुआती मैच में आयरलैंड पर 3-2 की करीबी जीत के बाद भारतीय टीम को मौजूदा ओलंपिक चैंपियन जर्मनी से 1-2 से हार का मुंह देखना पड़ा था, लेकिन उसने वापसी करते हुए अर्जेंटीना पर 2-1 की अच्छी जीत दर्ज की, जिससे वो छह टीमों के पूल में शीर्ष चार में बरकरार है. अब टीम का लक्ष्य लीग चरण में जितने ज्यादा अंक हो सकें, उतने हासिल करना है ताकि नॉकआउट मुकाबलों में दुनिया की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया से भिड़ने से बच सके.