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रियो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय कर लिया है. जहां उसे पूल एक की नंबर एक टीम बेल्जियम से भिड़ना होगा. भारतीय टीम की कोशिश होगी, इस मुकाबले को जीतकर 36 साल बाद सेमीफाइनल में पहुंचने की.
भारतीय टीम की राह आसान नहीं है
शनिवार को हर किसी की निगाहें भारत और बेल्जियम के बीच होने वाले नॉकआउट मुकाबले पर होगी. इस मुकाबले को जीतने वाली टीम को मिलेगा सेमीफाइनल का टिकट और हारने वाली टीम की होगी घर वापसी. बेल्जियम ने अपने पूल में चार मुकाबले जीते, जबकि भारत ने दो जीत एक ड्रॉ और दो हार मिली.
भारतीय हॉकी टीम का होगा असली 'टेस्ट'
भारतीय टीम का अबतक का प्रदर्शन ठीक ठाक रहा है लेकिन कुछ ऐसी कमजोरी से जिसका फायदा बेल्जियम हर हाल में उठाने की कोशिश करेगी. भारतीय स्ट्राइकर अभी तक अधिकतर मौकों पर गेंद को गोलपोस्ट के अंदर पहुंचाने में नाकामयाब रहे हैं. नीदरलैंड्स के खिलाफ भारत को आखिरी छह सेकेंड में पांच पेनाल्टी कॉर्नर मिले थे लेकिन भारतीय टीम एक भी पेनाल्टी को गोल में बदलने में सफल नहीं रही थी. वहीं, हर मैच में आखिरी समय में भारत की रक्षापंक्ति कमजोर होती दिखी. विरोधी टीमों ने भारत के खिलाफ हमेशा आखिरी के क्वार्टर में भारत के ढुलमुल रवैये का फायदा उठाया है. इसी कारण भारत को जर्मनी के खिलाफ हार और कनाडा के खिलाफ ड्रॉ का सामना करना पड़ा.
एस.वी सुनिल के फिट होने की उम्मीद
कनाडा के खिलाफ हुए मुकाबले में कलाई में चोट खा बैठे एस. वी. सुनील के फिट होने की उम्मीद है. भारतीय कप्तान पी. आर. श्रीजेश, आकाशदीप सिंह, रमनदीप सिंह और निकिन थिमैया को अपने साथी खिलाड़ियों सरदार सिंह , मनप्रीत सिंह, एस. के. उथप्पा और दानिश मुज्तबा के साथ तालमेल बिठाने की जरूरत है. मैच से पहले टीम के कप्तान ने कहा, 'हम क्वार्टर फाइनल खेलने को लेकर काफी उत्साहित हैं. हमने निरंतरता के साथ जिस तरह खेला है उससे हमें आत्मविश्वास मिला है' श्रीजेश ने कहा, 'हमें अपना सर्वश्रेष्ठ देने की जरूरत है और हमारी कोशिश ऐसा करने की होगी.'
बेल्जियम ने किया है धाकड़ प्रदर्शन
बेल्जियम ने पिछले कुछ समय में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है, और शानदार फॉर्म में दिखाई दे रही है. लिहाजा भारतीय टीम के लिए राह आसान नहीं होने वाली है. बेल्जियम ने 1920 में इकलौता पदक हासिल किया था. उसके बाद से एक बार भी वो पदक हासिल नहीं कर सकी है.
बेल्जियम की टीम काफी अनुभवी है और वह विश्व रैकिंग में भारत से एक स्थान पीछे छठे नंबर पर है.