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लालू के MLA ने खोला मोर्चा, कहा- नीतीश राज में जनप्रतिनिधियों का अपमान

बिहार की सत्ताधारी महागठबंधन में अब खुल कर तकरार शुरू हो गया है. आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने राज्य के मुखिया नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आरजेडी विधायक ने आरोप लगाया कि राज्य में शराबबंदी के बावजूद आज शराब की होम डिलिवरी हो रही है.

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के साथ बिहार के सीएम नीतीश कुमार आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के साथ बिहार के सीएम नीतीश कुमार
सुजीत झा
  • पटना,
  • 27 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 4:44 PM IST

बिहार की सत्ताधारी महागठबंधन में अब खुल कर तकरार शुरू हो गया है. आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने राज्य के मुखिया नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वीरेंद्र का कहना है कि महागठबंधन सरकार को लोगों ने वोट देकर बनाया था, लेकिन उनके लिए काम नहीं हो रहा है. यहां नौकरशाही हावी है.

वीरेंद्र ने साथ ही कहा कि प्रकाश उत्सव और शराबबंदी जैसी चीज़ें बस चेहरा चमकाने के लिए की जा रही हैं. आरजेडी विधायक ने आरोप लगाया कि राज्य में शराबबंदी के बावजूद आज शराब की होम डिलिवरी हो रही है. रिपोर्ट करने पर अफसर कोई कार्रवाई नहीं करते है. शराबबंदी का कानून तो बना है, लेकिन पुलिस अफसर खुद शराब बेचवा रहे हैं.

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वीरेंद्र का आरोप है कि उन्होंने रिपोर्ट किया, लेकिन उस अफसर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. वह कहते हैं, 'शराब माफिया आज की तारीख में पुलिस के साथ बैठे रहते हैं. उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती.'

सत्ताधारी गठबंधन की हिस्सेदार आरजेडी विधायक नोटबंदी के मुद्दे पर भी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) पर जमकर भड़ास निकालते है. उनका कहना है कि महागठबंधन में शामिल कांग्रेस और आरजेडी का स्टैंड साफ है, लेकिन जेडीयू का रुख इस पर क्यों साफ नहीं. वीरेंद्र ने कहा, 'जेडीयू को चाहिए कि वह हमारे साथ खड़े हो और केंद्र की सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़े.'

 

भाई वीरेंद्र यहीं नहीं रुकते. उन्होंने कहा कि हमारे नेता लालू प्रसाद यादव के बगैर नीतीश कुमार का कोई वजूद नहीं है. गठबंधन की सरकार कोई भी काम करती है, तो केवल मुख्यमंत्री का चेहरा चमकाया जाता है. लालू यादव या उपमुख्यमंत्री तेजस्वी का चेहरा क्यों नहीं दिखाया जाता है.

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हालांकि भाई वीरेंद्र का कहना है कि आरजेडी गठबंधन को एकजुट रखने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी. सांप्रदायिक शाक्तियों को दुर भगाने के लिए उनके नेता लालू प्रसाद यादव किसी भी हद तक जा सकते हैं, लेकिन इस सरकार में जिस तरह से जनप्रतिनिधियों का अपमान हो रहा है. शायद आजाद हिदुस्तान में ऐसा कभी नहीं हुआ. इसलिए सभी मर्माहत हैं.

वहीं जेडीयू से जब इस बाबत प्रतिक्रिया मांगी गई, तो पार्टी ने भाई वीरेंद्र के इस बयान को ज्यादा तवज्जों नहीं देने की बात कही. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि कुछ लोगों को निजी शिकायतें होती हैं, वही ऐसी बातें करते हैं. गठबंधन के स्तर पर ऐसी कोई समस्या नहीं है. भले ही ऊपर से देखने में इसमें ठंढापन दिखता हो, लेकिन महागठबंधन के शीर्ष नेता नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और अशोक चौधरी जब मिलते है, तो काफी आत्मियता से मिलते हैं. इनमें जो एकजुटता है, उसको देखकर यही लगता है कि महागठबंधन में जो थोड़ी बहुत समस्या आएगी भी, तो उससे ये बखूबी निपट लेंगे.

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