
समाजवादी पार्टी में चल रहे विवाद पर चुनाव आयोग की घोषणा आने के बाद अखिलेश को सबने बधाई दी. सोशल मीडिया पर भी अखिलेश को जमकर बधाई मिली. अखिलेश ने भी आगे बढ़कर सबका धन्यवाद् किया. ट्विटर पर अखिलेश ने आरजेडी नेता और पूर्व बिहार सीएम लालू प्रसाद यादव, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल को धन्यवाद् किया था.
लालू ने किया था अखिलेश को सपोर्ट
सपा के रजत जयंती समारोह में शिरकत करने आए आरएलडी नेता लालू प्रसाद यादव ने मंच से अखिलेश की जमकर तारीफ की थी और अखिलेश के विकास कार्यों को सराहा था. इसके अलावा उन्होंने अखिलेश और शिवपाल के बीच की तल्खी खत्म करने की भी कोशिश की थी. उन्होंने दोनों को मंच पर एक साथ खड़ा कर जनता को संदेश देने की कोशिश की थी कि अब सबकुछ ठीक है.
समारोह में शामिल होने आए लालू यादव ने कहा था कि वे स्थापना समारोह में शुभकामनाएं देने आए हैं. उन्होंने कहा था कि यहां फिर हमारी सरकार बनेगी, बिहार की तरह यूपी से भी बीजेपी को खदेड़ने का मकसद है.
लालू करेंगे अखिलेश का प्रचार
आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव ने साफ कर दिया है कि वे अखिलेश यादव के लिए यूपी में चुनाव प्रचार करेंगे और बीजेपी को हराने की हरसंभव कोशिश करेंगे. बुधवार को लालू ने कहा था कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी. पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुनाभ झा के आरजेडी में शामिल होने के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लालू ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि वह यूपी चुनावों में पूरा प्रयास करेंगे कि भगवा ताकतों की हार हो. लालू ने कहा, "यूपी चुनाव सिर्फ एक राज्य का चुनाव नहीं, पूरे देश का चुनाव है। यूपी में बीजेपी की हार तय करने के बाद हम 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भगवा पार्टी को जड़ से उखाड़ फेंकेंगे। मैं समाजवादी ताकतों की जीत पक्की करने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए प्रचार करूंगा."
लालू ने यह भी कहा कि वह सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य में समाजवादी ताकतों की जीत के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर काम करने के लिए भी बात करेंगे.
सपा की खातिर लालू की पार्टी नहीं लड़ेगी चुनाव
अखिलेश के समर्थन में लालू प्रसाद यादव ने एक और घोषणा की है कि वे यूपी चुनाव में इस बार कोई प्रत्याशी नहीं उतारेंगे. अगर ऐसा होता है तो क्या सपा को फायदा होगा? आंकड़े तो कुछ और ही हकीकत बयां करते हैं हालांकि यह तय है कि लालू के चुनाव प्रचार से सपा का फायदा जरूर हो सकता है और अगर नीतीश भी साथ में आए तो पूर्वांचल में साइकिल तेज दौड़ सकती है.
आरजेडी का यूपी में ये है हाल
आरजेडी का यूपी में कोई खास प्रभुत्व नहीं रहा है. पिछले तीन चुनावों में आरजेडी के उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने तक में असफल रहे थे. देखें आंकड़े...
2002 के चुनावों में आरजेडी ने यूपी में 25 उम्मीदवार उतारे थे. मजेदार बात यह है कि लालू की पार्टी के सभी कैंडिडेट की जमानत जब्त हो गई थी. चुनाव में उनकी पार्टी का कुल वोट शेयर 0.04% था.
2007 के चुनावों में आरजेडी ने यूपी में 66 उम्मीदवार उतारे जिनमें से 65 की जमानत जब्त हो गई थी. हालांकि जमानत बचाने वाला प्रत्याशी भी जीत नहीं सका. 2007 के चुनावों में पार्टी का कुल वोट शेयर 0.26% था.
2012 के चुनावों में आरजेडी ने कुल 4 उम्मीदवार ही चुनावी मैदान में उतारे लेकिन ये चारों भी अपनी जमानत बचा पाने में असफल रहे. 2012 के चुनावों में भी पार्टी का कुल वोट शेयर 0.04% ही रहा.
जेडीयू का हाल भी ऐसा ही
आरजेडी की अपेक्षा जेडीयू ने जरूर यूपी में बेहतर प्रदर्शन किया है. लेकिन, जेडीयू भी लगातार चुनाव-दर-चुनाव पिछड़ती गई है. देखें आंकड़े..
2002 के चुनावों में जेडीयू ने 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था. चुनावों में पार्टी को दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि 8 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. चुनाव में पार्टी का कुल वोट शेयर 0.58% था.
2007 के चुनावों में जेडीयू ने फिर 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था. चुनावों में पार्टी को महज एक सीट पर जीत मिली थी जबकि 12 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. चुनाव में पार्टी का कुल वोट शेयर 0.42% था.
2012 के चुनावों में जेडीयू ने कुल 219 उम्मीदवार यूपी के चुनावी मैदान में उतारे थे. पार्टी के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. पार्टी का कुल वोट शेयर 0.36% था.