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पश्चिम बंगाल की राजधानी की एक अदालत ने मंगलवार को रोज वैली समूह के प्रमुख गौतम कुंडू की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें 10 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
गौतम कुंडू को प्रवर्तन निदेशालय ने भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड की उचित मंजूरी के बिना जनता से पैसे जुटाने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत 25 मार्च को गिरफ्तार किया था. अदालत ने उन्हें 31 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेजा था. आज उनकी हिरासत अवधि खत्म होने पर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था.
कुंडू की जमानत याचिका खारिज करते हुए अदालत ने उन्हें 9 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. कुंडू की रिहाई की मांग करते हुए रोज वैली समूह के बीसियों कर्मचारियों ने अदालत परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
कलकत्ता हाई कोर्ट की पीठ ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय को आदेश दिया था कि वह तीन माह के भीतर इस मामले में अपनी जांच पूरी करे.
रोज वैली समूह के बैंक खातों को सीज करने की जांच एजेंसी की कार्रवाई को बरकरार रखते हुए न्यायाधीश न्यायमूर्ति मंजुला चेल्लूर और न्यायमूर्ति जोयमाला बागची की हाई कोर्ट की खंडपीठ ने कहा था कि इस मामले की जांच तीन माह के भीतर पूरी हो जानी चाहिए. साथ ही न्यायालय ने जांच एजेंसी को आदेश दिया था कि वह अपनी जांच रिपोर्ट अदालत को सौंपे.
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने 2013 में 73 ऐसी कंपनियों का नाम लिया था जो बंगाल में पोंजी स्कीमों में शामिल हैं. इस सूची में रोज वैली कंपनी का भी नाम था.
बंगाल, त्रिपुरा, असम, ओडिशा, झारखंड और महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों में फैले अपने जाल से कंपनी ने कथित तौर पर 15,000 करोड़ रुपये इकट्ठा किए हैं. जरूरी मंजूरी के बिना सामूहिक निवेश योजना चलाने का दोषी पाते हुए सेबी ने जून 2014 में कंपनी को आदेश दिया था कि वह निवेशकों का पैसा उन्हें लौटा दे और इसके प्रतिभूति बाजार तक पहुंचने पर रोक लगा दी थी.
- इनपुट IANS