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दिल्ली में बनेगा RSS का नया हाईटेक दफ्तर, विजयदशमी पर होगा भूमि पूजन

बीजेपी के बाद अब आरएसएस भी अपने दिल्ली स्थित दफ्तर केशव कुंज का पुर्ननिर्माण कर कायाकल्प करेगा. आरएसएस अपने नए दफ्तर को भव्य और हाई टेक सुविधाओं से पूरी तरह लैस बनाएगा.

मोहन भागवत की मौजूदगी में होगा भूमि पूजन मोहन भागवत की मौजूदगी में होगा भूमि पूजन
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 3:17 PM IST

बीजेपी के बाद अब आरएसएस भी अपने दिल्ली स्थित दफ्तर केशव कुंज का पुर्ननिर्माण कर कायाकल्प करेगा. आरएसएस अपने नए दफ्तर को भव्य और हाई टेक सुविधाओं से पूरी तरह लैस बनाएगा. आरएसएस के नए दफ्तर का 11 अक्टूबर को विजय दशमी के दिन भूमि पूजन होगा. संघ का नया हाई टेक दफ्तर भी बीजेपी के नए ऑफिस की तरह ही अगले दो साल में बनकर तैयार होगा.

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विजयदशमी को ही बदलेगी संघ की ड्रेस
भूमि पूजन के कार्यक्रम में आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत के अलावा संघ के कई बड़े पधाधिकारी मौजूद रहेंगे. दफ्तर के भूमि पूजन के लिए अभी से मौजूद भवन को तोड़ने का काम शुरू हो गया है. इसी दिन नागपुर से संघ प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में आरएसएस अपने गणवेश में खाकी रंग की नेकर की जगह भूरे रंग की फुल पेंट को अधिकारिक रूप से शामिल किया जाएगा.

नई बिल्ड‍िंग में क्या-क्या होगा खास?
आरएसएस के नए दफ्तर में संघ के बड़े नेताओं के रहने के लिए भवन निर्माण किया जाएगा. ये नया भवन 10 फ्लोर का होगा. आरएसएस के नए भवन में 80 कमरे ऑफिस यूज के लिए बनाए जाएंगे. आरएसएस के नए भवन में ऑफिस के लिए जो कमरे बनाए जाएंगे, उनमें एयरकंडीशन भी होंगे. नए भवन में 25 कमरे संघ के नेताओं और प्रचारकों के रहने के हिसाब से तैयार किए जाएंगे. इनमें सिर्फ संघ प्रमुख मोहन भावगत और संघ के महासचिव भैयाजी जोशी के कमरों में एसी लगाया जाएगा, जबकि बाकी कमरे सामान्य रहेंगे. इस भवन में दो ऑडिटोरियम होंगे, जिसमें से एक 200 और दूसरा 100 सीट वाला ऑडिटोरियम प्रेस कॉन्फ्रेंस और सेमिनार के बनाया जाएगा. एक डिजिटल लाइब्रेरी भी बनेगी.

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पाञ्चजन्य और ऑर्गनाइजर के नए दफ्तर भी बनेंगे
आरएसएस के नए दफ्तर में संघ के मुख्यपत्र पाञ्चजन्य और ऑर्गनाइजर ने नए ऑफिस भी बनाए जाएंगे. ये बात सही है कि समय के साथ बदलाव जरुरी हैं इसलिए संघ भी समय के साथ अपने गणवेश से लेकर अपने दफ्तर में बदलाव करता रहता हैं. आज तक संघ ने भले ही कई बदलाव किए हों लेकिन अपनी विचारधारा में कोई बदलाव नहीं किया.

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