
इस कारोबारी हफ्ते के तीसरे दिन रुपये ने सपाट शुरुआत की है. बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया महज 1 पैसे की बढ़त के साथ खुला है. यह एक डॉलर के मुकाबले 72.70 के स्तर पर शुरुआत करने में कामयाब रहा है. इससे पहले मंगलवार को रुपया 72.69 के स्तर पर बंद हुआ था.
रुपये में पिछले महीने से लगातार रिकॉर्ड गिरावट जारी है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत होते डॉलर और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने रुपये को कमजोर करने का काम किया है.
इसके अलावा इमरजिंग इकोनॉमीज के सामने खड़ी हो रही चुनौतियों की वजह से निवेशक लगातार रुपये से दूरी बना रहे हैं. इसका दबाव भी भारतीय मुद्रा पर साफ नजर आ रहा है.
हालांकि अब रुपये को संभालने के लिए केंद्र सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कहा है कि देश के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है. इसलिए रुपये में जारी इस गिरावट के गंभीर परिणाम नहीं होंगे.
सरकार का यह भी कहना है कि अगले महीने होने वाली आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ब्याज दरें बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. केंद्र का कहना है कि पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार होने की वजह से ब्याज दरें बढ़ाने की जरूरत नहीं नजर आ रही.
हालांकि देखना यह होगा कि कच्चे तेल की लगातार बढ़ती कीमतों और गिरते रुपये को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक क्या फैसला लेता है.