Advertisement

कांग्रेस पर हमले के बाद संजय राउत की सफाई, कहा- कांग्रेस को भी बोलने का हक

राउत ने कहा, इसमें (संपादकीय) बहुत ज्यादा मीनमेख नहीं निकाला जाना चाहिए. सरकार के साथ कोई दिक्कत नहीं है. जो लोग ये सोचते हैं कि वे राज्यपाल के दर तक जाएंगे, वे गलतफहमी में हैं क्योंकि यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी.

संजय राउत की फाइल फोटो (PTI) संजय राउत की फाइल फोटो (PTI)
पंकज उपाध्याय
  • मुंबई,
  • 16 जून 2020,
  • अपडेटेड 12:35 PM IST

  • राउत ने कहा- सरकार में सब ठीक है
  • बयान को गलत ढंग से पेश करने की बात

शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय को लेकर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत का बयान आया है. मंगलवार के संपादकीय में कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण और बालासाहेब थोराट पर निशाना साधा गया है. इस पर संजय राउत ने कहा कि 'सामना' संपादकीय के जरिये अपने विचार सबके सामने रखता है. राउत ने कहा, कांग्रेस जो कहना चाहे कहे, उसे इसका पूरा अधिकार है. वे ऐसा भी करें जैसा एनसीपी करती है. इसमें कोई दिक्कत नहीं है, मामले को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है.

Advertisement

संपादकीय में कांग्रेस पर साधे गए निशाने पर संजय राउत ने कहा, शिवसेना ने अन्य लोगों से ज्यादा बलिदान दिया है और अपना बहुत कुछ दूसरों को दिया है, लेकिन अब कोई इसका हिसाब नहीं रख रहा है. राउत ने कहा, इसमें (संपादकीय) बहुत ज्यादा मीनमेख नहीं निकाला जाना चाहिए. सरकार के साथ कोई दिक्कत नहीं है. जो लोग ये सोचते हैं कि वे राज्यपाल के दर तक जाएंगे, वे गलतफहमी में हैं क्योंकि यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी.

इससे पहले संजय राउत ने कहा, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सभी कैबिनेट मंत्रियों के साथ ट्यूनिंग काफी अच्छी है. कामकाज से कोई परेशान नहीं है. अशोक चव्हाण और बालासाहेब थोराट से बात हुई है. जैसे ही हम इस संकट (कोरोना वायरस) से बाहर निकलेंगे, मुख्यमंत्री उन लोगों की सभी बातें सुनेंगे. बता दें, सामना में मंगलवार को कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण और बालासाहेब थोराट पर निशाना साधा गया. इसके बाद अटकलें लगनी शुरू हो गईं कि महाराष्ट्र सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. हालांकि संजय राउत ने फिलहाल इन अटकलों पर अपने बयान से विराम लगा दिया है.

Advertisement

ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं? शिवसेना के लपेटे में कांग्रेस के मंत्री

संपादकीय में में लिखा गया है कि 'कांग्रेस पार्टी अच्छा काम कर रही है, लेकिन समय-समय पर पुरानी खटिया रह-रह कर कुरकुर की आवाज करती है.' सामना ने अपने संपादकीय में लिखा, 'खटिया (कांग्रेस की) पुरानी है लेकिन इसकी ऐतिहासिक विरासत है. इस पुरानी खाट पर करवट बदलने वाले लोग भी बहुत हैं. इसलिए यह कुरकुर महसूस होने लगी है.'

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement