Advertisement

सबरीमाला: तृप्ति देसाई को एयरपोर्ट से लौटाया, बोलीं- फिर आऊंगी

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति मिलने के बाद अभी तक एक भी महिला मंदिर में अंदर नहीं जा सकी है. तृप्ति देसाई ने मंदिर में प्रवेश करने का ऐलान किया है, लेकिन पुलिस ने उन्हें कोच्चि एयरपोर्ट पर रोक लिया.

एयरपोर्ट पर रोकी गईं तृप्ति देसाई (फोटो-पंकज खेलकर) एयरपोर्ट पर रोकी गईं तृप्ति देसाई (फोटो-पंकज खेलकर)
सुरेंद्र कुमार वर्मा/पंकज खेळकर
  • नई दिल्ली,
  • 16 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 10:24 PM IST

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तीसरी बार खुलने जा रहे सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की बात कहने वाली तृप्ति देसाई और उनकी 6 सहयोगियों को कोच्चि एयरपोर्ट पर रही रोक लिया गया. केरल पुलिस ने सुरक्षा का हवाला देकर यहां से आगे नहीं जाने दिया.

पुलिस ने तृप्ति से कहा कि वह फिर किसी और समय यहां दर्शन के लिए आ सकती हैं. तृप्ति देसाई ने कहा है कि वह फिर से सबरीमाला आएंगी. केरल सरकार कोर्ट के फैसले पर आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन विपक्ष राजी नहीं है.

Advertisement

भारी संख्या में पुरुष और महिला एयरपोर्ट अराइवल लॉन्ज में तृप्ति देसाई के खिलाफ नारे लगाए.

एयरपोर्ट पर ही नाश्ता

सुरक्षा कारणों से पुलिस की ओर से उन्हें बाहर नहीं दिए जाने के कारण तृप्ति ने अपने साथियों के साथ एयरपोर्ट पर ही नाश्ता किया. कार्यकर्ता राहुल ईश्वर ने तृप्ति देसाई को सबरीमाला जाने की इजाजत दिए जाने की स्थिति में मंदिर के पास निलक्कल में विरोध-प्रदर्शन की धमकी दी है. निलक्कल और पंबा में धारा 144 लगा दी गई है.

दूसरी ओर, पाम्बा में देवासम बोर्ड की अहम बैठक होने वाली है, जिसमें मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने के लिए और समय दिए जाने की याचिका दाखिल करने पर फैसला लिया जाना है.

साथ ही वहां के ऑटो चालकों ने भी उन्हें मंदिर तक ले जाने से मना कर दिया है. ऑटो चालकों ने तृप्ति को कोट्टायम या फिर निलक्कल तक ले जाने से इंकार कर दिया है.

Advertisement

सबरीमाला मंदिर का गर्भगृह आज शाम पांच बजे खुलेगा. सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के आदेश के बाद सबरीमाला मंदिर तीसरी बार शुक्रवार शाम को खुलने जा रहा है. शीर्ष अदालत के फैसले के बावजूद कोई भी महिला श्रद्धालुओं और कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते मंदिर में अब तक नहीं जा पाई है.

साथी यात्रियों का अनुरोध

कोच्चि एयरपोर्ट पर कई साथी यात्रियों ने 2 पत्र लिखकर तृप्ति से अनुरोध किया है कि वह परंपराओं का पालन करें. भगवान अयप्पा के लाखों भक्तों की भावनाओं को दुख न पहुंचाएं.

सोशल मीडिया पर लगातार धमकियों के बाद तृप्ति देसाई ने केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन को पत्र लिखकर सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर में जाने के लिए सुरक्षा की मांग की थी.

तृप्ति देसाई ने इससे पहले कहा था कि सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद वह 16 से 20 नवंबर के बीच सबरीमाला मंदिर में जाने की कोशिश करेंगी. अब, भूमाता ब्रिगेड ने विजयन को खत लिखकर 17 नवंबर को दर्शन के दौरान सुरक्षा की मांग की है.

उन्होंने बताया था कि राज्य में प्रवेश करने से लेकर वापस आने तक उन्हें सुरक्षा चाहिए होगी. उन्हें केरल आने पर 'बुरे परिणाम भुगतने' की धमकियां मिल चुकी हैं. कई लोगों ने खुदकुशी की धमकी भी दी है.

Advertisement

उन्होंने कहा था कि कई महिलाओं ने उनसे पहले जाने की कोशिश की लेकिन पुलिस प्रोटेक्शन और समर्थन नहीं मिलने की वजह से वह नाकाम हो गईं. इसलिए मंदिर की सीढ़ियां बिना परेशानी के चढ़ने के लिए उन्होंने सरकार से सुरक्षा मांगी है.

अब तक महिलाओं की रही 'नो एंट्री'

पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को जाने की इजाजत दी थी, लेकिन मंदिर खुलने के बाद श्रद्धालुओं के विरोध प्रदर्शन के चलते कोई महिला मंदिर में एंट्री नहीं ले सकी थीं.

तृप्ति देसाई ने कहा कि हमें पहले ही धमकियां मिल चुकी हैं. कुछ लोगों ने धमकियां दी हैं कि उन्होंने अगर केरल में प्रवेश किया तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. कई लोगों ने धमकी दी है कि यह हम मंदिर की सीढ़ियां चढ़े तो वे आत्महत्या कर लेंगे.

सर्वदलीय बैठक नाकाम

दूसरी ओर, केरल में गुरुवार को सर्वदलीय बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जारी गतिरोध को समाप्त करने में विफल रही है जिसने सबरीमला मंदिर में माहवारी उम्र की महिलाओं को प्रवेश पर पाबंदी हटा दी है. सर्वदलीय बैठक में केरल सरकार कोर्ट के आदेश को लागू करने पर अड़ी रही जिस पर विपक्ष बैठक से चला गया.

Advertisement

दो महीने तक चलने वाले वार्षिक तीर्थाटन सीजन के लिए मंदिर खुलने से एक दिन पहले वहां अप्रत्याशित सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं.

अधिकारियों ने बताया कि अदालती फैसले पर फिर से प्रदर्शन की आशंका के बीच गुरुवार की अर्धरात्रि से एक हफ्ते तक सबरीमाला में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू रहेगी.

प्रवेश की कई कोशिशें नाकाम

अदालती आदेश को लागू करने को लेकर वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार के फैसले के खिलाफ राज्य में कांग्रेस, बीजेपी, आरएसएस और दक्षिणपंथी संगठनों के कई प्रदर्शन हो चुके हैं.

कोर्ट के आदेश के बाद पिछले महीने से दो बार यह मंदिर खुला तथा कुछ महिलाओं ने उसमें प्रवेश की कोशिश की परंतु श्रद्धालुओं और विभिन्न हिंदू संगठनों के क्रुद्ध प्रदर्शन के चलते वे प्रवेश नहीं कर सकीं.

पुलिस के अनुसार महिला पुलिसकर्मियों समेत 15000 से अधिक पुलिसकर्मी इस सीजन के लिए तैनात किए जाएंगे. इस सीजन में देशभर से लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की आशा है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement