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सहारनपुर जातीय हिंसा: मायावती ने नकारा 'भीम आर्मी' से रिश्ता, बीजेपी पर लगाए आरोप

एक खुफिया रिपोर्ट में यह बात कही गई थी कि बीएसपी भीम आर्मी को समर्थन दे रही है. रिपोर्ट के मुताबिक बीएसपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मायावती के भाई आनंद कुमार इस संगठन को फंड मुहैया करा रहे हैं.

मायावती मायावती
कौशलेन्द्र बिक्रम सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 25 मई 2017,
  • अपडेटेड 5:29 PM IST

सहारनपुर में जातीय हिंसा को लेकर चर्चा में आई 'भीम आर्मी' के सहारे बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर निशाना साधा है और इस सेना से किसी भी तरह के संबंध से साफ इनकार किया है. बीएसपी और अपने भाई आनंद कुमार के साथ जुड़ाव के आरोपों पर अपनी सफाई देते हुए मायावती ने गुरुवार को कहा, "मेरे भाई और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का भीम आर्मी से कोई कनेक्शन नहीं है. हमारी पार्टी आरोपों की निंदा करती है. सहारानपुर में बीएसपी के लोगों का मानना है कि भीम आर्मी पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी का ही प्रोडक्ट है."

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आपको बता दें कि एक खुफिया रिपोर्ट में यह बात कही गई थी कि बीएसपी भीम आर्मी को समर्थन दे रही है. रिपोर्ट के मुताबिक बीएसपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मायावती के भाई आनंद कुमार इस संगठन को फंड मुहैया करा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 'भीम आर्मी' के चीफ चंद्रशेखर ने कई बार आनंद कुमार से बात भी की है. इन सभी आरोपों का मायावती ने खंडन किया और साथ ही साथ लोगों को हिदायत दी, "अंबेडकर के नाम से खुले संगठनों से सचेत रहें."

पूरी तरह शांत नहीं सहारनपुर
सहारनपुर अभी भी हिंसा की चपेट में है और भीम आर्मी राज्य पुलिस के सामने चुनौती खड़ी कर रही है. राज्य के प्रमुख सचिव देबाशीश पांडा और डीजीपी सुलखान सिंह के दौरे के बावजूद स्थिति पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं पाया जा सका है.

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मंगलवार को था मायावती का दौरा
गौरतलब है कि मंगलवार को बीएसपी सुप्रीमो मायावती के सहारनपुर दौरे के बाद बड़गांव क्षेत्र में दोबारा जातीय हिंसा भड़क गई थी. जिसके बाद इस हिंसा की जद में कई गांव आ गए. जातीय हिंसा की फैली इस आग के मद्देनजर प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित है.

विरोधी हमलावर
सहारनपुर हिंसा को रोकने में बुरी तरह फेल होने का आरोप लगाते हुए राज्य के प्रमुख विरोधी दलों (कांग्रेस, सपा और बीएसपी) ने योगी सरकार को लगातार पर निशाने पर बनाए रखा है. कांग्रेस ने प्रदेश की योगी सरकार पर दलितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए सहारनपुर हमलों की स्वतंत्र जांच कराने और जिले के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज करने की मांग की है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सहारनपुर के हमले कुछ वर्गों की मानसिकता का परिणाम हैं जो यह सोचते हैं कि उन्हें उपद्रव करने, दलितों का उत्पीड़न एवं अत्याचार करने और मारने का अधिकार मिल गया है क्योंकि मुख्यमंत्री उनको संरक्षण देंगे और उनके खिलाफ कानून कार्रवाई नहीं करेगा.

सपा के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने भी योगी सरकार पर आरोप लगाया, "क्षेत्र में हिंसा पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है. तलवार और दूसरे घातक शस्त्रों का इस्तेमाल हो रहा है. परिवार दहशत में हैं." चौधरी ने आरोप लगाया कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने सभी विरोधियों का वजूद मिटाने की साजिश में जुटा है. चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी सहारनपुर की घटना की कड़ी निंदा करती है और मांग करती है कि पीड़ित परिवारों को तत्काल मुआवजा एवं सुरक्षा दी जाए.

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