
साहित्य के सबसे बड़े महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2019' के मंच के तीसरे दिन 'राजनीतिक सफरनामा' विषय पर आयोजित गोष्ठी में चार वो लेखक शामिल हुए जिन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव, केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सियासी जीवन के बारे में विस्तार से लिखा है.
किताब 'अमित शाह और भाजपा की यात्रा' के लेखक शिवनंद द्विदेदी ने कहा कि अमित शाह ने राजनीति के पारंपरिक तौर-तरीके को बदला है. ऐसे शख्सियत के बारे में किताब आनी चाहिए थी. समय की यह मांग थी. उनके बारे में ज्यादा से ज्यादा से बताए जाने की जरूरत थी. इसलिए उनके पॉलिटिकल जीवन के बारे में लिखने की जरूरत महसूस हुई.
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शिवनंद द्विदेदी ने अमित शाह का सियासी जीवन कैसे शुरू हुआ इसके बारे में बताया. उन्होंने अमित शाह को मेहसाणा की गलियों से निकला राजनेता बताया. शिवनंद द्विदेदी ने कहा कि भाजपा की यात्रा जितनी ही अमित शाह की राजनीतिक यात्रा है. अमित शाह का राजनीतिक जीवन 1977 में 13 साल के उस बालक के रूप में शुरू होता जो मेहसाणा की गलियों में आपातकाल की परछाई में हो रहे चुनाव में सरदार वल्लभभाई पटेल की बेटी मणिबेन के लिए प्रचार के लिए पर्चे बांटने के साथ होता है.
अमित शाह की बायोग्राफी लिखने वाले डॉ. अनिर्बान गांगुली ने कई बातें साझा कीं. अमित शाह के विवादित दौर पर अनिर्बान गांगुली ने कहा कि हम इसका दावा नहीं करते हैं कि हम अमित शाह को पूरी तरह से जानते हैं. अमित शाह पूरी न्यायायिक प्रक्रिया से गुजरे हैं, और उन्हें निर्दोष बताया गया है. गुजरात से निकालने का जो पूरा प्रयास हुआ उसे हमने पॉलिटिकल एग्जाइल, राजनीतिक निर्वासन कहा है. अमित शाह को आप दोषी कैसे कह सकते हैं? हर न्याय प्रक्रिया ने उन्हें निर्दोष साबित किया है.
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'लालू यादव की आत्मकथा: गोपालगंज से रायसीना, मेरी राजनीतिक यात्रा' के लेखक नलिन वर्मा ने राजद प्रमुख के बारे में कई दिलचस्प बातें बताई. नलिन वर्मा ने कहा कि लालू यादव पर बहुत कुछ लिखा जाता रहा है, या लिखा जा रहा है. बायोग्राफी में जो लालू यादव लिखना चाहते हैं उसमें मैंने उनकी मदद की और उसमें मैं कहीं नहीं हूं.
अमित शाह को अचानक चाणक्य कहा जाने लगा लेकिन राजनाथ सिंह के बीजेपी प्रमुख रहते नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, लेकिन चाणक्य नहीं कहा जाता है, इस सवाल पर राजनाथ सिंह के बायोग्राफर गौतम चिंतामणि कहते हैं कि सबको पता है कि बीजेपी कॉडर आधारित पार्टी है. यहां अगला पार्टी अध्यक्ष कौन होने वाला इसके बारे में किसी को पता नहीं है. बीजेपी के जो बड़े नेता हैं उन्होंने बड़ा काम किया है जिस पर किताब लिखी जा सकती है. मुझे नहीं लगता है कि राजनाथ सिंह को कमतर आंका गया. इस तरह का परसेप्शन मीडिया ने पैदा किया है. ये टैग जनता देती है. अभी अमित शाह जिस स्थिति में दिख रहे हैं वो कई सालों की मेहनत है. किसी को कमतर देखना या किसी पर फोकस करना हमारी वजह से होता है.