
कप्तान विराट कोहली और अनिल कुंबले के बीच हुए विवाद ने भारतीय क्रिकेट में भूचाल-सा ला दिया है. विवाद के बाद से ही सभी का ध्यान क्रिकेट को छोड़कर इस पर चला गया है. हर कोई इस विवाद पर ध्यान और बयान दे रहा है, वहीं नए कोच की चर्चा भी जोरों पर है. बीसीसीआई ने नए कोच की तलाश कर दी है, इसी बीच पूर्व दिग्गज सुनील गावस्कर ने कहा है कि बीसीसीआई को विराट कोहली से ही पूछ लेना चाहिए कि कोच कौन बनेगा.
लेकिन इस सभी के बीच एक चेहरा ऐसा है जो लगातार मौन है. वो है टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ का. संजय बांगड़ पिछले लंबे समय से टीम के साथ जुड़े हैं, और लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.
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2014 में टीम के साथ जुड़े वहीं अगर टीम इंडिया के साथ उनकी बात करें, तो अगस्त 2014 में बल्लेबाजी कोच के तौर पर टीम के साथ जुड़े थे. 2016 में जब टीम जिम्बाब्वे दौरे पर थी, तो मुख्य कोच थे. लेकिन अनिल कुंबले के कोच बनाए जाने के बाद उन्हें दोबारा बल्लेबाजी कोच के तौर पर नियुक्त कर दिया था.
कोहली भी हैं खुश
कप्तान विराट कोहली ने भी लगातार संजय बांगड़ की तारीफ की थी. बांग्लादेश के खिलाफ सेमीफाइनल के बाद कोहली ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि बांगड़ की वजह से बल्लेबाजी मजबूत हुई है.
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दमदार रिकॉर्ड
अगर संजय बांगड़ के रिकॉर्ड की बात करें तो कोचिंग में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है. बांगड़ इंडिया-ए के भी कोच रह चुके हैं, और 2010 में कोच्चि टस्कर्स के भी कोच थे. वहीं 2014 में IPL सीजन में वह पंजाब टीम के साथ जुड़े और उनकी कोचिंग में टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया. पंजाब फाइनल में भी पहुंची थी.
कुंबले-शास्त्री से अच्छे थे संबंध
संजय बांगड़ के संबंध अनिल कुंबले और रवि शास्त्री दोनों के कार्यकाल के दौरान अच्छे रहे हैं. रवि शास्त्री जब टीम के डॉयरेक्टर थे उस समय भी बांगड़ बल्लेबाजी कोच के तौर पर नियुक्त थे और टीम लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही थी.
क्यों ना बांगड़ ही बने कोच?
बीसीसीआई अब नए कोच की तलाश में है. लेकिन इस चर्चा में बांगड़ का नाम कहीं नहीं है. संजय बांगड़ टीम के साथ काफी लंबे समय से जुड़े हैं, कप्तान और टीम के साथ उनके अच्छे संबंध भी है. साथ ही उनका रिकॉर्ड भी अच्छा है. कोच पद के लिए वह एक अच्छी पसंद हो सकते हैं.
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