
पैरालंपिक खेलों में दो बार स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय एथलीट देवेंद्र झाझरिया और भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पूर्व कप्तान सरदार सिंह को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. झाझरिया ने पिछले साल रियो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन कर भाला फेंक स्पर्धा में 12 साल बाद स्वर्ण पदक जीता था.
इससे पहले, झाझरिया ने इसी मुकाबले में अपना पहला स्वर्ण पदक 2004 में एथेंस में आयोजित ओलंपिक खेलों में जीता था. साल 1972 में जर्मनी में आयोजित ओलंपिक खेलों में पुरुषों की 50 मीटर फ्रीस्टाइल मुकाबले में मुरलीकांत पेटकर ने भारत के लिए पहली बार पैरालंपिक खेलों का स्वर्ण पदक जीता था.
साल 2006 में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करियर की शुरुआत करने वाले हॉकी खिलाड़ी सरदार को 2012 में लंदन में आयोजित ओलंपिक खेलों में पुरुष हॉकी टीम की कप्तानी सौंपी गई थी. इस हाई प्रोफाइल कॉम्पिटिशन में भारत को 12 देशों की सूची में सबसे आखिरी स्थान हासिल हुआ था.
सरदार की कप्तानी में हालांकि, भारतीय हॉकी टीम ने 2014 एशियाई खेलों और 2007 एशियन कप में स्वर्ण पदक जीता. इसके अलावा, उनके नेतृत्व में टीम ने हॉकी वर्ल्ड लीग 2015 में कांस्य पदक भी जीता था. हरियाणा के सिरसा जिला के रहने वाले इस 31 वर्षीय खिलाड़ी को 2010 और 2011 में एफआईएच की 18 सदस्यीय ऑल स्टार टीम में भी सामिल किया गया था.
इस साल द्रोणाचार्य पुरस्कार आर. गांधी (एथलेटिक्स), हीरा नंद कटारिया (कबड्डी), जी. एस. एस. वी प्रसाद (बैडमिंटन), ब्रज भूषण मोहंती (मुक्केबाजी), पी.ए. रैपल (हॉकी), संजय चक्रवर्ती (निशानेबाजी) और रोशन लाल (कुश्ती) को दिया जाएगा.