
भारत-पाक सुरक्षा वार्ता की पूर्व संध्या पर पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस्लामाबाद के साथ बातचीत के लिए शर्तें थोपना चाहते हैं जबकि पाकिस्तान एजेंडा में कश्मीर मुद्दे को शामिल किए बिना किसी भी बातचीत को स्वीकार नहीं करेगा.
अजीज ने कहा , 'नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान विरोधी बुनियाद पर चुनाव लड़ा और अब पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए शर्तें थोपना चाहते हैं लेकिन हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे और इस बात से नई दिल्ली को पहले ही अवगत करा दिया गया है.' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी ‘भारतीय दुस्साहस’ का ‘माकूल जवाब’ दिया जाएगा.
अजीज ने पिछले महीने कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत भारत के अड़ियल रवैये के कारण रद्द हुई क्योंकि नई दिल्ली ने कश्मीर मुद्दे पर चर्चा करने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'कश्मीर मुद्दे के एजेंडा में शामिल हुए बिना भारत के साथ कोई बातचीत सफल नहीं हो सकती.'
अजीज ने कहा कि पाकिस्तान डीजी स्तर की पांच दिवसीय बातचीत में नियंत्रण रेखा पर भारतीय जवानों की ओर से ‘अकारण गोलीबारी’ का मुद्दा उठाएगा. उन्होंने कहा कि यह बैठक उफा घोषणापत्र का हिस्सा है जब दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने मुलाकात की थी और एक दूसरे से संपर्क को लेकर कई कदम उठाने पर सहमति जताई थी.
अजीज ने कहा, 'इस बैठक का मकसद नियंत्रण रेखा और कामकाजी सीमा पर तनाव कम करना है. 2003 के संघर्ष विराम समझौते के क्रियान्वयन का मुद्दा इस बैठक में उठाया जाएगा.' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमले की भारतीय धमकियों के दबाव में नहीं आएगा.
इस बीच, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के विशेष सहायक तारिक फातमी ने चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ से कहा कि अगर नयी दिल्ली ‘पूर्व शर्तों’ पर जोर देगा तो भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत नहीं होगी. भारत का नाम लिए बगैर फातमी ने कहा, 'पाकिस्तान को खतरा हमारे पड़ोसी देश से है.' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने स्पष्ट किया है कि भारत-पाकिस्तान समस्याओं का समाधान सिर्फ बातचीत की प्रक्रिया के जरिए हो सकता है.
फातमी ने कहा, 'हम भारत के साथ किसी भी समय, किसी भी स्थान पर, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय स्तर पर बातचीत की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए तैयार हैं. हम इसके लिए भी तैयार हैं कि संयुक्त राष्ट्र इसमें भूमिका निभाए. हम तैयार है कि इसमें संयुक्त राष्ट्र के महासचिव भूमिका निभाएं.'
-इनपुट भाषा