
कितना मजबूर रहा होगा उस मां का दिल, जिसने अपने बेटे की फिल्म को ही सबसे बकवास फिल्म बता दिया. ‘धूम’ की कालजयी सीरीज और ‘द्रोणा’ जैसा अनूठा शाहकार देखने के बाद भी ममता और पुत्र मोह ने जिस मां का मुंह बंद रखा था, ‘हैप्पी न्यू ईयर’ के सदमे ने उस मोह से भी बाहर ला पटका. ज्ञात हो इसके ठीक पहले जया बच्चन चर्चा में तब आई थीं जब उन्होंने एफ.एम. ‘चैनलों’ के रेडियो ‘जॉकियों’ द्वारा नेताओं पर चुटकुले बनाने से रोक लगाने की बात कही थी. हालांकि तब ये स्पष्ट नहीं हो पाया था कि वो ज्यादा क्षुब्ध नेताओं पर चुटकुले बनने से हैं या ‘नेताजी’ पर चुटकुले बनने से.
‘हैप्पी न्यू ईयर’ को बकवास फिल्म कहे जाने पर सबसे अधिक सदमा हैप्पी न्यू ईयर के मामा साजिद खान को लगा है. किंवदंतियों के अनुसार सृष्टि के शैशव काल में जिन दिनों आदम और हव्वा सेब खाने-न खाने को लेकर कन्फ्यूजन में लटके थे, उन दिनों भगवान के बगीचे में दो-भाई बहन रोज खेलने आ जाया करते थे. एक दिन भाई को एक सेब मिला और वहीं से भाई-बहन का सेब खाने को लेकर झगड़ा शुरू हो गया. भगवान ने बीच-बचाव करते हुए रास्ता निकाला कि जो अपनी फिल्मों से लोगों का सबसे ज्यादा दिमाग खायेगा, उसे ही सेब पहले खाने को मिलेगा.
उसके बाद जो हुआ उसे इतिहास ने हे बेबी, हाउसफुल, हिम्मतवाला, हमशकल्स, तीस मार खान और हैप्पी न्यू ईयर के तौर पर संभालकर रखा है. ये झगड़ा यहीं ख़त्म नहीं हुआ. जब भी दोनों में से कोई एक अपनी ‘कल्पनातीत पिच्चर’ के चरम पर पहुंच भगवान से सेब लेने पहुंचता, पीछे से दूसरा कल्पना की पराकाष्ठा लेकर पहुंच जाता. विवशत: भगवान को हाथ का सेब धरती पर फेंकना पड़ता. ऐसा ही एक सेब न्यूटन के सिर पर, तो दूसरा स्टीव जॉब्स के हिस्से आ गिरा.
इतने पर भी साजिद खान ने हिम्मत न हारते हुए फैसला लिया है कि वो सुपरस्टार कमाल राशिद खान को लीड रोल में लेकर ‘हिम्मतवाला-2’ बनाएंगे. इसकी कहानी भी उन्होंने सलमान खान से लिखवानी शुरू कर दी है. जया के इस बयान बम वाकये के बाद अमिताभ बच्चन जब बहू-बेटे के साथ शाहरुख के घर गए तो वो उनसे मिलने तक बाहर नहीं आए. सूत्र बताते हैं उस वक़्त वो रामजाने, बादशाह और रा-वन की डीवीडी देखकर पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि हैप्पी न्यू ईयर से पहले इन फिल्मो में आखिर कौन सी कमी रह गई थी जो इन्हें जया जी ने वो रुतबा नहीं दिया?
जया जी के इस बयान के बाद अमिताभ बच्चन को दूसरे कई मोर्चों पर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. रामगोपाल वर्मा तो अमिताभ बच्चन के सामने फूट-फूटकर रो पड़े क्योंकि उन्हें अब जाकर पता लगा कि अमिताभ जी के फिल्म में होने के बावजूद जया बच्चन ने ‘रामगोपाल वर्मा की आग’ एक बार भी देखना तक जरुरी नहीं समझा था.
(युवा व्यंग्यकार आशीष मिश्र पेशे से इंजीनियर हैं और इंदौर में रहते हैं.)