
सीबीआई ने धन शोधन के आरोपों के मामले में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन से पूछताछ की. इस मामले में एजेंसी आरंभिक जांच कर रही है. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जांच टीम के निर्देश के मुताबिक जैन अपराह्न करीब तीन बजे एजेंसी के मुख्यालय पहुंचे.
सूत्रों ने बताया कि जैन 2015-16 के दौरान लोकसेवक रहते हुए प्रयास इंफो सोल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड, अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिए कथित तौर पर 4.63 करोड़ रुपये के धनशोधन में लिप्त थे. मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनसे जुड़ी संपत्ति जब्त करने के बाद मंत्री ने आरोपों से इंकार किया था.
इससे पहले मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुरुवार को भी CBI ने सत्येंद्र जैन से लगभग 8 घंटे तक पूछताछ की थी. दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा भी लगातार सत्येंद्र जैन को अपने निशाने पर लेते रहे हैं.
आपको बता दें कि MCD चुनावों से ठीक पहले CBI ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एक प्राथमिक जांच दर्ज की थी. प्राथमिक जांच आरोपों के बारे में सूचनाएं एकत्रित करने के लिए CBI द्वारा पहला कदम था.
क्या था मामला?
कुछ समय पहले आयकर विभाग ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के हवाला कारोबियों से संबंधों के सबूत मिलने का दावा किया था. इससे पहले भी वह आयकर घोखाधड़ी के आरोपों में पहले ही जांच का सामना कर रहे थे. इंडिया टुडे को आयकर विभाग द्वारा तैयार किया गया ताजा डोजियर की कॉपी मिली थी, जिसमें कई चौकाने वाली बातें सामने आई हैं.
हवाला कारोबारियों से संबंध!
आयकर विभाग के इन दस्तावेज़ों में हवाला कारोबारियों के सत्येंद्र जैन से सीधे संपर्क का दावा किया गया था. इसमें कहा गया है कि हवाला कारोबारी फोन पर सीधे जैन से बात करते थे और उनके बीच कोड वर्ड में कुछ सौदे भी हुए. आप नेता सत्येंद्र जैन हवाला कारोबारियों के जरिये 17 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी के मामले में भी आयकर जांच के घेरे में हैं. सूत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग की जांच में जैन मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल पाए गए हैं. इस मामले की जांच अभी जारी है और विभाग इस बाबत उनसे तीन बार पूछताछ कर चुका है.
हालांकि जैन खुद पर लगे इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं. केजरीवाल सरकार के इस वरिष्ठ मंत्री का कहना है कि हवाला कारोबारियों से उनका कोई नाता नहीं और इस मामले में उन्हें आरोपी नहीं, बल्कि गवाह के रूप में बुलाया गया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियों की जांच में उनका नाम सामने आया, जिनसे वह पहले जुड़े हुए थे और इसी संबंध में उनका समन किया गया था.