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SEBI की माल्या पर टेढ़ी नजर, शुरुआती जांच में पाई गईं गड़बड़ियां

बाजार नियामक सेबी यूबी ग्रुप के अपने शेयरों के साथ-साथ इंग्लैंड की कंपनी डायाजियो और दूसरी विदेशी कंपनियों के साथ इसकी डील की भी जांच कर रही है.

विजय माल्या विजय माल्या
स्‍वपनल सोनल/BHASHA
  • नई दिल्ली ,
  • 20 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 6:34 PM IST

बैंकों से 9000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर विदेश भागने वाले उद्योगपति विजय माल्या की मुसिबतें बढ़ने वाली हैं. शुरुआती जांच में सेबी ने उन्हें विभिन्न नियमों का अनुपालन नहीं किए जाने का दोषी माना है. एजेंसी ने माल्या के यूबी ग्रुप की डीलिंग्स की जांच बढ़ा दी है.

बाजार नियामक सेबी यूबी ग्रुप के अपने शेयरों के साथ-साथ इंग्लैंड की कंपनी डायाजियो और दूसरी विदेशी कंपनियों के साथ इसकी डील की भी जांच कर रही है. पूंजी बाजार पर नजर रखने वाली यह एजेंसी देश-विदेश के दूसरे रेग्युलेटरों और शेयर बाजारों से भी सूचनाएं मांग सकती है, क्योंकि यह माल्या द्वारा की गई जटिल लेनदेन पर से परतें हटाना चाहती है. एजेंसी की नजर माल्या द्वारा की गई शेयरों की बिक्री और समूह की विभिन्न कंपनियों में अधिकारों के आदान-प्रदान पर है.

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विदेशी कंपनियों से भी मांगी जानकारी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सेबी ने मौजूदा और यूबी ग्रुप की पूर्व कंपनियों समेत संबंधित पक्षों के अलावा उन विदेशी कंपनियों से भी जानकारियां और स्पष्टीकरण मांगे गए हैं, जिनके साथ माल्या ने यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड में अपने शेयर डायाजियो को बेचने के लिए समझौता किया था. सेबी ने पिछले महीने माल्या-डायाजियो के बीच हुए पैसों के लेनदेन की भी पड़ताल शुरू कर दी है. एजेंसी को संदेह है कि माल्या द्वारा यूनाइटेड स्पिरिट्स का चेयरमैन पद छोड़ने के लिए डायाजियो के साथ 515 करोड़ रुपये के समझौते में कॉरपोरेट गवर्नेंस और दूसरे नियमों का उल्लंघन किया गया होगा.

सूत्रों ने कहा कि सेबी को पहली नजर में कई ट्रांजेक्शन में नियमों के उल्लंघन के सबूत मिले हैं. हालांकि, इसने उन रेग्युलेटरों और एजेंसियों का भी सहयोग मांगा है, जो यूबी ग्रुप की किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा लिए गए लोन से जुड़ी कथित गड़बड़ियों की अलग-अलग जांच कर रहे हैं.

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