Advertisement

याकूब की फांसी के मद्देनजर अलर्ट, जजों की सुरक्षा भी बढ़ाई गई

याकूब मेमन को फांसी के बाद देश में किसी भी तरह की अप्रिय घटना को टालने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

Yakub Memon Yakub Memon
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 11:42 PM IST

याकूब मेमन को फांसी के बाद देश में किसी भी तरह की अप्रिय घटना को टालने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

याकूब मेमन की दया याचिका निरस्त करने वाले सुप्रीम कोर्ट के तीनों जजों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. तीनों जजों के घर पर और उनके कहीं भी आने-जाने के दौरान अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी उनके साथ रहेंगे.

Advertisement

नहीं मिली शवयात्रा निकालने की इजाजत
पुलिस ने फांसी से पहले भी एहतियातन कई संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा इंतजाम किए थे और 400 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया था. कानून व्यवस्था के मद्देनजर याकूब के परिवार को शवयात्रा निकालकर कब्रिस्तान पहुंचने की इजाजत भी नहीं दी गई थी और यह भी तय किया गया था कि याकूब को दफनाए जाने के समय उसके परिवार के बेहद करीबी लोग ही वहां मौजूद रहेंगे. पुलिस ने उन लोगों की निजी जानकारी पहले ही जुटा ली है जो याकूब के परिवार के साथ होने वाले थे.

कश्मीर में निर्दलीय विधायक हिरासत में
याकूब की फांसी के बाद जम्मू कश्मीर के निर्दलीय विधायक को लिया गया हिरासत में सिर्फ मुंबई ही नहीं, देश भर में याकूब की फांसी के मद्देनजर एहतियात बरती गई. जम्मू-कश्मीर में पुलिस ने निर्दलीय विधायक शेख अब्दुल राशिद को हिरासत में ले लिया, जो याकूब को फांसी दिए जाने और मौत की सजा के चलन के खिलाफ रैली निकाल रहे थे.

Advertisement

अधिकारियों ने कहा कि व्यवसायिक केंद्र लाल चौक के क्लॉक टावर के पास विरोध प्रदर्शन के लिए मार्च निकालने वाले राशिद और उनके सहयोगियों को सुरक्षात्मक हिरासत में ले लिया गया. उन्होंने कहा कि राशिद और अन्य को कोठी बाग पुलिस चौकी ले जाया गया.

फांसी की सजा के चलन के खिलाफ थी रैली
मेमन की फांसी के खिलाफ नारे लगाते हुए राशिद ने कहा, 'हम चाहते हैं कि मौत की सजा पूरी दुनिया से खत्म हो. इस काले, अंधे और बहरे कानून को हटाया जाना चाहिए.' मेमन की फांसी पर केंद्र की आलोचना करते हुए विधायक ने सवाल उठाया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारों को फांसी क्यों नहीं दी गई? उन्होंने कहा, 'मैं नरेंद्र मोदी से पूछना चाहता हूं कि राजीव गांधी के हत्यारों को फांसी क्यों नहीं दी गई? या बेअंत सिंह के हत्यारों को फांसी क्यों नहीं दी गई? हम यह नहीं कह रहे कि उन्हें फांसी दी जानी चाहिए. कश्मीरी मौत की सजा के खिलाफ हैं. लेकिन आपने अफजल गुरू का शव तक नहीं दिया गया.'

परिवार को शव सौंपने के बाद बरती गई अतिरिक्त एहतियात
याकूब मेमन को गुरुवार को नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी दिए जाने के बाद उसका शव उसके परिवार को सौंप दिया गया. शव को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दफनाने के लिए विमान से मुंबई ले जाया गया और शहर पुलिस ने शव यात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी. विशेषकर माहिम इलाके और अन्य संवेदनशील इलाकों समेत मुंबई में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई. याकूब का परिवार माहिम इलाके में रहता है. इसके अलावा 400 से अधिक लोगों को एहतियातन हिरासत में रखा गया है. 26 नवंबर को मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के बाद गठित पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया टीमों को अल हुसैनी इमारत और मरीन लाइंस समेत कुछ स्थानों पर तैनात किया गया है. याकूब का परिवार अल हुसैनी इमारत में रहता है और मरीन लाइंस में याकूब को दफनाए जाने के प्रबंध किए गए.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement