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सीधी बात: फारूक अब्दुल्ला बोले- गठबंधन की कैप्टन नहीं होगी कांग्रेस, बनेगा थर्ड फ्रंट

जब उनसे एक बार फिर एनडीए का हिस्सा बनने का सवाल किया गया तो फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि राजनीति में कोई अछूता नहीं होता है. बता दें कि उनकी पार्टी अटल बिहारी वाजपेयी के वक्त में एनडीए का हिस्सा रह चुकी है.

सीधी बात में बोले फारूक अब्दुल्ला सीधी बात में बोले फारूक अब्दुल्ला
जावेद अख़्तर/श्वेता सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 8:03 PM IST

आजतक के खास कार्यक्रम 'सीधी बात' में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने श्वेता सिंह के सवालों का जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता की कोशिश कर रही कांग्रेस की कोशिशों को धराशाई कर दिया.

फारूक अब्दुल्ला से जब 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सामने कांग्रेस के नेतृत्व वाली विपक्षी एकजुटता पर सवाल किया गया तो उन्होंने ऐसी संभावनाओं से इनकार किया. उन्होंने कहा, 'मैं नहीं समझता हूं कि कांग्रेस के नेतृत्व में गठबंधन हो सकता है.'

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थर्ड फ्रंट की जताई उम्मीद

कांग्रेस जिस महागठबंधन के पुरजोर प्रयास में लगी है, उसके स्वरूप पर भले ही फारूक अब्दुल्ला को अंदेशा के बादल छाए नजर आ रहे हों, लेकिन उन्हें लगता है कि बीजेपी के विरोधी दलों का एक थर्ड फ्रंट जरूर बन सकता है. जो मोदी सरकार के लिए मुश्किल का सबब बन सकता है और बीजेपी की सत्ता वापसी की उम्मीदों को चोट दे सकता है.

वहीं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने विरोधी दलों के चेहरे का सवाल उनसे किया गया तो फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'अगर ऐसा कुछ होता है तो गठबंधन का चेहरा खुद उभर आएगा.'

फारूक अब्दुल्ला ने कांग्रेस को तो झटका दिया ही, साथ ही वह मोदी सरकार और बीजेपी के प्रति भी खासे नरम नजर आए. जब-जब मोदी सरकार को लेकर सवाल किया गया तब-तब वह तारीफ करते दिखे. खासकर पाकिस्तान और चीन से रिश्तों को लेकर उन्होंने पीएम मोदी की खूब तारीफ की.

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उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के बिना पाकिस्तान तरक्की नहीं कर सकता है. जब उनसे इमरान के बुलावे पर पीएम मोदी के पाकिस्तान जाने को लेकर सवाल किया गया तो जवाब दिया, 'मैं समझता हूं कि वो काफी सुलझे हुए हैं और उन्हें किसी के मशविरे की जरूरत है. वो जब से वजीर-ए आजम बने हैं, उन्होंने करीब 84 देशों का दौरा किया है और यह रिश्ते सुधारने के लिए ही की गई कोशिश है.'

इतना ही नहीं फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान और चीन से रिश्ते सुधारने के लिए पीएम मोदी ने ईमानदारी से प्रयास किए हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ये पीएम मोदी की कोशिशों का ही नतीजा है कि वो चीन के राष्ट्रपति से तीन बार मिल चुके हैं.

NDA में जाने पर ये बोले फारूक अब्दुल्ला

पीएम मोदी के प्रति नरमी दिखाते हुए उन्होंने एनडीए में जाने के सवाल को भी नहीं नकारा. जब उनसे एक बार फिर एनडीए का हिस्सा बनने का सवाल किया गया तो फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि राजनीति में कोई अछूता नहीं होता है. बता दें कि उनकी पार्टी अटल बिहारी वाजपेयी के वक्त में एनडीए का हिस्सा रह चुकी है. 1996 में उनकी पार्टी ने कश्मीर में सरकार बनाई और फारूक अब्दुल्ला राज्य के मुख्यमंत्री बने. इसके बाद 1999 में उनकी पार्टी अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का हिस्सा बन गई और फारूक अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला केंद्र में मंत्री बने.

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ऐसे में जब कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी का गठबंधन टूट चुका है और कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा, बसपा, टीएमसी समेत तमाम क्षेत्रीय और बीजेपी विरोधी दलों को एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए मनाने में जुटी है, तो फारूक अब्दुल्ला का बयान राजनीति गलियारों में बहस को नया मोड़ दे सकता है.

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