
बीजेपी की फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने रविवार को प्रसारित ‘आजतक’ के फ्लैगशिप शो ‘सीधी बात’ में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने मशहूर एंकर श्वेता सिंह के सवालों के खुलकर जवाब दिए. मोदी सरकार में केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहीं उमा भारती ने राम मंदिर से लेकर गंगा मंत्रालय वापस लिए जाने तक सभी मुद्दों पर अपनी बात रखी.
इस दौरान बीजेपी नेता उमा भारती ने गंगा मंत्रालय छीने जाने की बात को सिरे से खारिज कर दिया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने खुद इस मंत्रालय को वापस लेने की बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से गुजारिश की थी.
जब उनसे सवाल किया गया कि क्या गंगा मंत्रालय वापस लिए जाने का आपको मलाल है? इस पर उमा भारती ने कहा, ‘‘मैंने अक्टूबर 2016 में केदारनाथ से ही अमित शाह को मैसेज कर दिया था कि अब मुझे गंगा का मंत्री नहीं रहना. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गंगा मंत्रालय अपने हाथ में लेना होगा. पीएमओ को गंगा मंत्रालय अपने हाथ में लेना पड़ेगा. सब हो गया है अब इंम्पलीमेंटेशन का टाइम आया है. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी इसको अपने हाथ में ले लें और करें.''
बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा कि जब बात प्रधानमंत्री तक पहुंच गई, तो उन्होंने कहा कि उमा बहन अभी बनी रहो. देखते हैं, इसको कैसे करना है? फिर गंगा मंत्रालय नितिन गडकरी के पास चला गया, वो तो हर चीज का श्रेय मुझे ही दे देते हैं.’’
दरअसल, हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गंगा सफाई को लेकर उमा भारती की तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि उमा भारती ने गंगा सफाई को लेकर काफी अच्छा काम किया. उमा भारती ने कई ऐसे काम शुरू किए हैं, जिनका नतीजा बहुत जल्द ही सामने आएगा.
उन्होंने कहा था कि उमा भारती सारा भोजन बना चुकी हैं और अब उन्हें (गडकरी को) सिर्फ इसे सामने लाकर डाइनिंग टेबल पर परोसना है.
गडकरी ने कहा कि परिवहन मंत्री के तौर पर वह इस बात को समझते हैं कि कई बार किसी बड़े प्रोजेक्ट को लेकर तैयारी करने, टेंडर निकालने और कानूनी औपचारिकताएं पूरा करने में काफी समय लग जाता है. मगर जब काम शुरू होता है, तो फिर नतीजा सामने दिखने लगता है.
मालूम हो कि केंद्रीय कैबिनेट बदलाव में उमा भारती से गंगा मंत्रालय की जिम्मेदारी लेकर नितिन गडकरी को सौंप दिया गया. इसी विभाग के तहत नमामि गंगे जैसा महत्वपूर्ण विभाग जुड़ा है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. अब उमा भारती के पास सिर्फ पेयजल और सैनिटेशन जैसे मामूली मंत्रालय ही बचे हैं.