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बिजली विभाग की लापरवाही, झुलसा मासूम और काटना पड़ा हाथ

दिपांशु आज अपने पिता से सवाल करता है, 'पापा आपने मेरा हाथ क्यों कटवा दिया, अब मैं क्रिकेट कैसे खेलूंगा, मेरा सपना कैसे पूरा होगा?' मजबूर मां-बाप के पास इसका कोई जवाब नहीं है.

दिपांशु दिपांशु
सुरभि गुप्ता/अरविंद ओझा
  • गाजियाबाद,
  • 06 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 11:52 PM IST

वो सचिन तेंदुलकर बनने का सपना देखता था, वो विराट की तरह चौके-छक्के जड़ना चाहता था. उसकी उम्र महज सात साल थी, पर अफसोस उसका ये सपना टूट गया. उसे बिजली का ऐसा झटका लगा कि उसका एक हाथ ही काटना पड़ गया.

एक बच्चे के सपने और सिस्टम की लापरवाही की ये कहानी गौतमबुद्ध नगर (गाजियाबाद) उत्तर प्रदेश की है. उत्तर प्रदेश में ऐसा लगता है कि यहां का शासन और प्रशासन सभी बस चुनाव की तैयारी में लगे हैं. जनता की सुनने वाला कोई नहीं है. तभी विभाग की लापरवाही साफ-साफ दिखने के बावजूद थानेदार बाबू ने सिर्फ शिकायत दर्ज कर पीड़ित परिवार को लौटा दिया.

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तेंदुलकर जैसा क्रिकेटर बनने की थी चाहत
दिपांशु आज अपने पिता से सवाल करता है, 'पापा आपने मेरा हाथ क्यों कटवा दिया, अब मैं क्रिकेट कैसे खेलूंगा, मेरा सपना कैसे पूरा होगा?' मजबूर मां-बाप के पास इसका कोई जवाब नहीं है. दिपांशु अपने दो भाई-बहन और माता-पिता के साथ उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध जिले में रहता है. दिपांशु पढ़ाई में अपने भाई-बहन से तेज है और खेल में अव्वल दर्जे का क्रिकेटर था. महज 7 साल की उम्र में ही उसने अपना भविष्य सोच रखा था. उसका सपना था सचिन तेंदुलकर की तरह क्रिकेट खेलना. विराट कोहली की तरह टीम इंडिया का हिस्सा बनना. मां-बाप की माली हालत उतनी अच्छी नहीं थी, फिर भी बच्चे के सपने को पूरा करने के लिए उसे इतनी सी उम्र में ही क्रिकेट का बल्ला थमा दिया.

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हाई वोल्टेज तार से लगा करंट
अफसोस कि 11 हजार वोल्ट के बिजली के झटके ने उसके सपने को झुलसा दिया. उसके पूरे शरिर को जला दिया. जिस हाथ से वो बैटिंग करता था, डॉक्टरों को उसका वो हाथ काटना पड़ी. यह 21 जुलाई की घटना है. दिपांशु अपने छत पर खेलने गया था. उसके घर के ठीक सामने से 11 हजार वोल्ट की तार है, किसी वजह से दिपांशु उस हाई वोल्टेज तार से सट गया. घर के लोग आवाज सुनकर छत पर दौड़ते हुए आए, तो देखा दिपांशु को करंट लगा है और वह पूरी तरह से झुलसा हुआ है.

बुरी तरह से घायल है दिपांशु
दिपांशु के परिजन उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लेकर आए. यहां डॉक्टरों ने कहा कि अगर दिपांशु की जान बचानी है, तो उसका दाहिना हाथ काटना पड़ेगा. दिपांशु के बाएं हाथ, पैर और गुप्तांग में भी जख्म आया है. वो बुरी तरह घायल है और अभी तक अस्पताल में भर्ती है. बिजली विभाग के इस लापरवाही के मद्देनजर दिपांशु के पिता थाने में FIR दर्ज कराने गए, लेकिन स्थानीय थाने में कार्रवाई के नाम पर सिर्फ शिकायत की कॉपी को रिसिव कर उन्हें वापस कर दिया गया.

इंसाफ की आस में दिपांशु का परिवार
दिपांशु के मां-बाप इंसाफ चाहते हैं. परिजन चाहते हैं कि जो लोग इस लापरवाही के जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो. आज ना सिर्फ इस बच्चे का सपना टूटा है बल्कि इस मासूम ने अपना हाथ भी खो दिया है. अब देखना ये है कि अखिलेश सरकार हाथ पर हाथ धरे मामले को भूल जाएगी या फिर उन आरोपियों की जांच भी करेगी.

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