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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, रेप माना जाएगा नाबालिग पत्नी से शारीरिक संबंध बनाना

कोर्ट ने फैसले में कहा है कि सहमति से सेक्स करने की उम्र बनाने को कम नहीं किया जा सकता है. 15 से 18 साल की पत्नी से शारीरिक संबंधन बनाना रेप की श्रेणी में आएगा.

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो) सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
अनुषा सोनी/अशोक सिंघल/अंकुर कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 11 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 3:21 PM IST

नाबालिग पत्नी से शारीरिक संबंध बनाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि नाबालिग पत्नी से शारीरिक संबंध बनाना रेप का अपराध है. कोर्ट ने फैसले में कहा है कि सहमति से सेक्स करने की उम्र बनाने को कम नहीं किया जा सकता है. 15 से 18 साल की पत्नी से शारीरिक संबंध बनाना रेप की श्रेणी में आएगा. कोर्ट ने फैसले में कहा है कि पत्नी पुलिस के पास शिकायत कर सकती है. कोर्ट ने इस प्रावधान को पोक्सो के साथ जोड़ा है.

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दरअसल IPC375 (2) कानून का यह अपवाद कहता है कि अगर कोई 15 से 18 साल की पत्नी से संबंध बनाता है तो उसे दुष्कर्म नहीं माना जाएगा. केन्द्र सरकार ने कोर्ट मे कानून की तरफदारी करते हुए कहा कि संसद ने सामाजिक परिस्थितियों को देखते हुए इस कानून को नहीं छेड़ा. देश में आर्थ‍िक रूप से पिछड़े समाज में आज भी बाल विवाह के मामले देखने को मिलते हैं.

नाबालिग पत्नी से शारीरिक संबंध बनाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने आजतक से खास बातचीत की. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी का कहना है कि यह फैसला स्वागत योग्य है. इससे चाइल्ड मैरिज पर अंकुश लगेगा. कानून बनाए जाने पर पीपी चौधरी का यह भी कहना है कि अभी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है. ऑब्जरवेशन और विस्तार में अध्ययन करने के बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा.

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बता दें कि देश में विवाह की उम्र महिलाओं के लिए 18 और पुरुषों के लिए 21 साल रखी गई है. इससे कम उम्र में हुई शादी को जुर्म माना गया है. इंडियन पीनल कोर्ड के तहत मामले में दो साल की सजा हो सकती है. बावजूद इसके देश के बड़े शहरों में बाल विवाह का आंकड़ा 0.7 फीसदी बढ़ा है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इसका ग्राफ 0.3 फीसदी घटा है.

डब्ल्यूसीडी मंत्रालय द्वारा दायर हलफनामे के अनुसार देश में साल 2014 से 16 के बीच 1785 मामले रजिस्टर हुए और 4,777 लोगों की गिरफ्तारी हुई. हालांकि इसमें सिर्फ 274 को ही अपराधी साबित किया जा सका.

 

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