
भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ती देसाई को अहमदनगर पुलिस ने शनिवार को हिरासत में लिया. हालांकि, 5 घंटे बाद उन्हें छोड़ दिया गया. बताया जाता है कि वह एक बार फिर शनि शिंगणापुर मंदिर के चबूतरे पर चढ़ने की कोशिश कर रही थीं. मंदिर विवाद में उन्हें इससे पहले 22 फरवरी को भी हिरासत में लिया गया था, जबकि कुछ घंटों बाद छोड़ दिया गया था.
अहमदनगर पुलिस के मुताबिक, ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई शनिवार को मंदिर में पूजा करने के बाद चबूतरे पर चढ़ने का प्रयास कर रही थीं.
दूसरी ओर, तृप्ति ने कहा, 'हमने अपील की कि हम चबूतरे पर चढ़ना चाहते हैं. हम यही पूछना चाहते हैं कि हम वहां क्यों नहीं चढ़ सकते. पुलिस और महिला सुरक्षाकर्मियों ने हमें हिरासत में ले लिया. हमें हमेशा पुलिस द्वारा रोक दिया जाता है.'
हमसे बात करना चाहते हैं ट्रस्टी
तृप्ति ने कहा कि मंदिर के ट्रस्टी हमसे बात करना चाहते हैं, लेकिन पुलिस हमेशा बीच में आ जाती है. देसाई ने दावा किया कि अगली बार वह चबूतरे पर चढ़कर दिखाएंगी.
जनवरी में मामले पर खूब मचा घमासान
देसाई ने जनवरी महीने में मंदिर के पवित्र चबूतरे पर महिलाओं के प्रवेश पर रोक के खिलाफ अभियान का नेतृत्व किया था. जबकि हाल ही नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश के अधिकार की मांग पर अड़ी तृप्ति देसाई को 7 मार्च को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया था.
400 साल पुरानी परंपरा पर चोट
गौरतलब है कि देसाई ने मंदिरों में लैंगिक भेदभाव को लेकर उस समय राष्ट्रीय बहस छेड़ दी थी, जब उन्होंने शनि शिंगणापुर मंदिर के पवित्र चबूतरे पर प्रवेश की कोशिश की थी. इस स्थान पर महिलाओं को पूजा करने की परंपरागत तौर पर अनुमति नहीं है. इस परंपरा के खिलाफ देसाई के नेतृत्व में 400 से अधिक महिलाओं ने 26 जनवरी को प्रदर्शन किया था.