
शीना मर्डर केस के तीनों आरोपियों इंद्राणी मुखर्जी, संजीव खन्ना और
श्यामवर राय की न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए बढ़ा दी गई है. अब इस केस में अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी. तीनों आरोपियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में जज के सामने पेशी हुई. मुंबई
में गणपति पूजन की वजह से सुरक्षाबलों की कमी है. इससे देखते हुए ऐसा किया गया था.
उधर, महाराष्ट्र सरकार ने इस केस की जांच CBI को सौंप दी है. मुंबई के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी केपी बक्शी ने बताया कि सरकार इस केस की जांच CBI से कराएगी. इस केस की जांच कर रहे मुंबई के तत्कालीन CP राकेश मारिया के ट्रांसफर का शीना मर्डर केस की जांच से कोई संबंध नहीं है.
सीएम फड़णवीस ने दी सफाई
शीना मर्डर की जांच मुंबई पुलिस से सीबीआई को सौंपने पर सीएम फड़णवीस ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि शीना बोरा और इंद्राणी मुखर्जी से जुड़े पैसे के लेन-देन और फेमा कानून की वजह इस केस की जांच सीबीआई को दी गई है.
जांच में आया नया मोड़
शीना बोरा मर्डर केस की जांच में नया मोड़ आ गया है. जेजे अस्पताल की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जो हड्डियां और दांत के नमूने शीना के नाम पर दिए गए थे वे उसके नहीं हैं. अस्पताल ने ये रिपोर्ट खार पुलिस स्टेशन को सौंप दी है. अस्पताल के डीन टीपी लहाने ने कहा कि हमने कभी दावा नहीं किया कि यह नमूने शीना के हैं.
पुलिस इंस्पेक्टर का आरोप
मुंबई पुलिस इंस्पेक्टर सुभाष मिर्गे ने दावा किया था कि 2012 में रायगढ़ के जंगल से जब शीना का अधजला शव मिला था, तो उस समय तात्कालिक एसपी आरडी शिंदे ने मर्डर की FIR दर्ज करने से मना कर दिया था.
सुभाष उस वक्त इस केस के जांच अधिकारी थे. उन्होंने कहा कि लाश मिलने के बाद वह पंचनामा भरने लगे. वह मर्डर का केस फाइल करना चाहते थे, लेकिन एसपी शिंदे ने एफआईआर फाइल करने से मना कर दिया था.
बताते चलें कि शीना मर्डर केस में मुख्य आरोपी उसकी मां इंद्राणी मुखर्जी, सौतेले पिता संजीव खन्ना और ड्राइवर श्यामवर राय इन दिनों जेल में बंद हैं. उन पर शीना का मर्डर करके दफनाने का आरोप है.