
बीजेपी में शामिल होने के बाद पहली बार गुरुवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल पहुंचे. यहां बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनका जबर्दस्त स्वागत किया. ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचे. वहां उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इसी मंच से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की जमकर तारीफ की. हालांकि इस दौरान उन्होंने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते-साधते ज्योतिरादित्य सिंधिया की तुलना विभीषण से कर डाली.
शिवराज सिंह चौहान ने मंच से कहा कि आज हम ये संकल्प करते हैं कि पाप की, अत्याचार की, अन्याय की भ्रष्टाचार की लंका को जब तक जलाकर राख नहीं कर देते चुप नहीं बैठेंगे. हम चैन की सांस नहीं लेंगे, लेकिन रावण की लंका पूरी तरह जलानी है तो विभीषण की जरूरत होती है मेरे भाई. और अब सिंधिया जी हमारे साथ हैं मिलकर लड़ेंगे इनको धराशायी करेंगे.
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शिवराज सिंह के इस भाषण के बाद विपक्षी दलों को निशाना साधने का मौका मिल गया. यही नहीं सोशल मीडिया पर भी शिवराज के इस भाषण को लेकर कई प्रकार के कमेंट आ रहे हैं.
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने शिवराज पर कसा तंज
शिवराज सिंह चौहान के भाषण पर अब मध्य प्रदेश कांग्रेस भी तंज कसा है. मध्य प्रदेश कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है कि शिवराज ने फिर बोला सिंधिया पर हमला. अब बताया रावण के परिवार का . देखिए ! किस निर्लज्जता व बेशर्मी से शिवराज जी नवागत बीजेपी नेता सिंधिया को विभीषण बता रहे हैं. पहले अंग्रेजों का साथी और अब रावण का भाई? शिवराज जी, सम्मान देने लाए थे, या बदला लेने?
विभीषण कहलाकर मुस्करा रहे लोग
38 मिनट पर देखें जब विभीषण का शिवराज सिंह ने किया जिक्र
कमलनाथ सरकार गिराने का ज्योतिरादित्य ने दिए संकेत
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने के बाद पहली बार भोपाल पहुंचे राज्यसभा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद को बीजेपी के हवाले करने का ऐलान किया. इशारों में उन्होंने कहा कि अब मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार टिकेगी नहीं.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, 'किसी दल के अंदर रहकर आलोचना करना मुश्किल होता है. लेकिन मैं सिंधिया परिवार का खून हूं. जो सही है, उसे सही बोलता हूं. 1968 में मेरी दादी को ललकारा था, तब संविदा सरकार का क्या हुआ सब जानते हैं. 1990 में मेरे पिताजी के ऊपर झूठे हवाला कांड के आरोप लगाए और जब मैंने अतिथि विद्वानों, किसानों की बात उठाते हुए सड़क पर उतरने की बात कही तो मुझे कहा कि उतरना है तो उतरो. सिंधिया परिवार को जब ललकारा जाता है तो परिणाम अलग होते हैं.'
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जनसेवा ही मेरा लक्ष्य: सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, 'चाहे अटलजी हों, या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या सिंधिया परिवार की मेरी दादी विजयाराजे सिंधिया, मेरे पिताजी स्व माधवराव सिंधिया हों, सभी का लक्ष्य जनसेवा रहा है और सिंधिया परिवार का मुखिया होने के नाते मेरा लक्ष्य भी जनसेवा है. हमारे लिए कुर्सी और पद महत्वपूर्ण नहीं होता. हमारे लिए महत्वपूर्ण सम्मान, पहचान और आपके हृदय में स्थान पाना है.'