
चट ज्वाइनिंग और पट बर्खास्तगी की इससे बेहतर मिसाल आपने नहीं सुनी होगी. रविवार को लखनऊ में शिवसेना के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष गौरव उपाध्याय दल बल के साथ कांग्रेस में शामिल होने पार्टी के मुख्यालय पहुंचे. लेकिन उनका स्वागत कार्यक्रम बमुश्किल खत्म हुआ ही था कि पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. इसकी वजह उनके तथाकथित समर्थक ही बने.
क्या था मामला?
दरअसल, ज्वाइनिंग कार्यक्रम खत्म होने के बाद गौरव उपाध्याय के साथ आए लोगों ने ही उनके और कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. जल्द ही पता चला कि ये सब लोग दिहाड़ी मजदूर थे और भाड़े पर लाए गए थे. ये इत्तला मिलते ही कांग्रेस ने गौरव उपाध्याय की सदस्यता रद्द कर दी.
मजदूरों का आरोप
मजदूरों की मानें तो गौरव ने समर्थकों की भीड़ जुटाने के लिए उन्हें 400-400 रुपये देने का वादा किया था. लेकिन किसी को एक पैसा भी नहीं मिला. नारेबाजी के बाद कुछ के हाथ पैसे आए, लेकिन ज्यादातर को खाली हाथ ही लौटना पड़ा. यहां तक कि मजदूरों का ठेकेदार भी गौरव उपाध्याय को धमकी देकर चला गया. उसका कहना था कि वो पूर्वांचल के एक बाहुबली का खास है और अगर पैसा नहीं मिला तो ठीक नहीं होगा.
आला नेताओं को खबर नहीं
गौर करने लायक बात ये है कि ना तो प्रदेशाध्यक्ष राज बब्बर और ना ही प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद को इस बात की जानकारी थी कि गौरव उपाध्याय कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं. इसके बावजूद पार्टी की ओर से जारी ई-मेल में कहा गया था कि गौरव उपाध्याय इन दोनों नेताओं की मौजूदगी में पार्टी में शामिल होंगे. इसके बाद पार्टी की ओर से फरमान जारी हुआ कि किसी भी नेता को प्रदेशाध्यक्ष और प्रभारी को सूचना दिए बगैर पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा.