
महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने मराठाओं को 16 फीसदी आरक्षण देने के ऐलान पर अमल करते हुए विधानसभा और विधान परिषद से बिल पास करा लिया. इसके बाद समाज के दूसरे लोग भी आरक्षण की मांग करने लगे हैं. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र में मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा उठाया है.
उन्होंने कहा कि वह शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में मुस्लिमों के आरक्षण के लिए कोर्ट जाएंगे. औवेसी की मांग का बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने समर्थन किया है. बता दें कि शिवसेना केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी पार्टी है.
शिवसेना के विधायक सुनील प्रभु ने कहा कि पार्टी समाज के दबे कुचले लोगों को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाएगी. उन्होंने कहा कि मैंने सदन में सवाल भी किया था कि मुस्लिमों के आरक्षण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने साफ कर दिया था जितने भी दबे कुचले लोग हैं उनको आरक्षण दिया जाएगा, चाहे वो किसी भी पिछड़े समाज के हों, चाहे वो मुस्लिम ही क्यों न हों. उन्होंने कहा कि हम अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे.
5 फीसदी आरक्षण के लिए कोर्ट जाएगी एआईएमआईएम
एआईएमआईएम विधायक इम्तियाज जलील ने कहा कि मुस्लिमों के लिए 5 फीसदी आरक्षण के लिए एमआईएम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है. कांग्रेस-एनसीपी मुस्लिम विधायकों को मुस्लिम समुदाय से लेना देना नहीं है.
उन्होंने कहा कि जिस आधार पर मराठा समुदाय का आरक्षण दिया गया ऐसा बड़ा गरीब तबका मुस्लिम समाज मे भी है. इसलिए धर्म के आधार पर आरक्षण नकारने की बात करनेवाली सरकार को कोर्ट में चुनौती देंगे. मुस्लिम वर्ग का पिछड़ापन सिद्ध करनेवाला डाटा कोर्ट में पेश करेंगे.
क्या कहा ओवैसी ने
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र में मुस्लिमों के लिए आरक्षण की मांग करते हुए कहा है कि मुस्लिम भी आरक्षण के हकदार हैं क्योंकि पीढ़ियों तक वे गरीबी में रहे हैं. ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा कि रोजगार और शिक्षा में पिछड़े मुसलमानों को वंचित रखना अन्याय है. मैं लगातार कहता आया हूं कि मुस्लिम समुदाय में ऐसी पिछड़ी जातियां हैं जो पीढ़ियों से गरीबी में है. आरक्षण के जरिए इन्हें बाहर निकाला जा सकता है.
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को मिली मंजूरी
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को कैबिनेट की मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को इसे विधानसभा में पेश किया. फडणवीस ने बड़ा दांव खेलते हुए पिछड़ा आयोग की सिफारिश के आधार पर 16 प्रतिशत मराठा आरक्षण का बिल पेश किया, जो ध्वनिमत से पास हो गया. बाद में विधान परिषद ने भी इस बिल पर अपनी मुहर लगा दी.
मराठा आरक्षण के लिए विशेष कैटेगरी SEBC बनाई गई है. महाराष्ट्र में 76 फीसदी मराठी खेती-किसानी और मजदूरी कर जीवन यापन कर रहे हैं. वहीं सिर्फ 6 फीसदी लोग सरकारी-अर्द्ध सरकारी नौकरी में हैं.