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Shri Krishna May 20 Update: कृष्णा के दर्शन के लिए महादेव खुद धरती पर हुए प्रकट

सीरियल श्री कृष्णा में भगवान कृष्णा की नटखट लीआएं शुरू हो गई हैं. उनके बाल स्परूप को देख हर कोई प्रसन्न हो रहा है. अब उनके दर्शन करने के लिए खुद भोलेनाथ धरती पर पधारे हैं.

विशाल शर्मा
  • मुंबई,
  • 21 मई 2020,
  • अपडेटेड 10:39 AM IST

रामानंद सागर की रामायण जिस तरह पूरे विश्व में सबसे लोकप्रिय धारावाहिक बना उसी के तर्ज़ पर अब डी डी नैशनल पर रोजना रात 9 बजे से 10 बजे तक कृष्णा का प्रसारण हो रहा है .लेकिन अगर आप से लेटेस्ट एपिसोड छूट हुआ हो तो कोई चिंता मत कीजिए. आइए हम आप को बताते है कि बुधवार के एपिसोड मैं क्या क्या हुआ .

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भगवान के बाल स्वरूप के दर्शन के लिए महादेव ने लिया बैरागी का अवतार

आज कैलाश पति महादेव अपने प्रभु कृष्णा जी के दर्शन के लिए एक बेरागी साधु का रूप धारण कर मइयां यशोदा के द्वार पर एक भिक्षुक के भाती खड़े है महादेव भगवान कृष्णा के बाल स्वरूप के दर्शन करना चाहतें है. यशोदा आती हैं और महादेव को मोती के हार देती हैं लेकिन महादेव कहते है कि मुझे बस उस दिव्य बालक के दर्शन करा दीजिए एक बार बस चाहे हम से मोती और हीरे ले लीजिए.

यह देख यशोदा दंग रह जाती हैं क्योंकि एक भिक्षुक हमें दान दे रहा है. महादेव यशोदा से कहते हैं कि बस हमें अपने लाल के दर्शन करवां दे . वही हमारी भिक्षा है. लेकिन यशोदा मना कर देती हैं और कहती हैं कि भिक्षा लेना है तो लो नहीं तो अपने स्थान पर चले जाओ. महादेव कहते हैं कि माइयाँ हम बहुत दूर से आए हैं, केलाश पर्वत से आए हैं. लेकिन यशोदा कहती हैं कि केलाश से आए हो तो वही भगवान शिव के दर्शन के लेते.

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महादेव कहते हैं कि भोली माइयां भगवान के दर्शन करना कठिन काम नहीं है लेकिन उनके बाल रूप के दर्शन करना बड़ा ही दुर्लभ है लेकिन यशोदा मना कर देती हैं कहती है कि मैं उसे बाहर नहीं ला सकती मेरे पति का आदेश है मैं किसी भी अजनबी के सामने अपने बच्चे को नहीं ला सकती.

महादेव की सहायता के लिए योग माता वासुदेव के यहां प्रकट हुईं

तभी वहां पर माता योग माया आती हैं और यशोदा से कहती हैं कि मैं इन्हें जानती हूं काशी में ही दर्शन किए थे .योग माया महादेव के चरण पर गिर उनका आशीर्वाद लेती हैं और यशोदा से कहती हैं की इन्हें लल्ला के दर्शन करवां दे. इनके दर्शन से लल्ला भी धन्य हो जाएगा. योग माया से यशोदा कहती हैं कि साधु को देख कर लल्ला भय से डर जाएगा. योग माया कहती हैं कि नहीं यशोदा इनके दर्शन मात्र से भय मुक्त हो जाएगा तेरा लल्ला सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी.

भक्त और भगवान का महामिलन

यशोदा कहती हैं कि मैं अपने बालक को इनके हाथ मैं नहीं दूँगी. योग माया कहती हैं कि ठीक है दूर से ही दर्शन करवा देना. यशोदा कृष्णा को लेकर आती हैं और महादेव बस एक टक उन्हें ही देखते रहते हैं. महादेव कहते हैं माइयां एक बार इनके चरण छू लूं . लेकिन यशोदा मना कर देती हैं, तभी योग माया महादेव के चरण छू कर कृष्णा के माथे पर लगाती हैं.

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महादेव भगवान कृष्णा से कहते हैं कि ये केसा अन्नाय है प्रभु हम आप के चरण भी नहीं छू सकते जिनके चरणो से निकली गंगा को हम अपने सिर पर धारण करते हैं. उनके चरण को एक बार तो छू लेने दीजिए . तभी महादेव अपनी आत्मा के ज़रिए कृष्णा भगवान के पांव स्पर्श कर उन्हें जुग जुग ज़ियो का आशीर्वाद देते हैं महादेव आशीर्वाद मिलते ही बड़े ही आनंद से अपने कैलाश पर्वत चले जाते हैं और जाते जाते अपने पग का छाप यशोदा के द्वार छोड़ जाते है .

कृष्णा का बालपन अवतार और माखन चोरी की पहली शुरुआत

अब कृष्णा धीरे धीरे बड़े हो रहै हैं, चलना सीख रहै हैं. यशोदा अपने कान्हा के लिए माखन बना रही हैं और माखन को देख कान्हा की मुस्कराहट आनंद दे रही है

यशोदा कृष्णा को अपने हाथों से माखन खिला रही हैं लेकिन कृष्णा को तो और माखन चाहिए. कृष्णा के पूरे मुख पर माखन लगा है .और छोटे कान्हा को और माखन चाहिए. तभी यशोदा माखन रख कर चली जाती हैं. कृष्णा माखन उठा कर ले जा रहै हैंऔर जब यशोदा आती हैं और देखती हैं कि माखन के साथ कृष्णा भी नहीं हैं लेकिन तभी यशोदा देखती हैं कि कृष्णा चोरी से माखन खा रहा है. तभी यशोदा कहती हैं माखन किस ने खाया तो कृष्णा कहते है कि “ माइयां मैं ने माखन नहीं खाया “ कृष्णा के इस नटखट स्वरुप को देख यशोदा कृष्णा का एक और नाम रख देती हैं ‘माखन चोर’.

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कृष्णा पाँव छू कर धरती माँ ने लिया आशीर्वाद

यशोदा आज स्नान के लिए तालाब में जाती हैं कृष्णा को लेकर वहाँ पर यशोदा अपने सखियों के साथ बात करती हैं और कृष्णा की शरारत के बारे में बताती हैं और उसके माखन चोरी कर के खाने के बारे में भी बताती हैं.

यशोदा नहाने के लिए तालाब में जाती हैं लेकिन तभी कृष्णा के दर्शन के लिए स्वयं धरती मां प्रकट होती हैं और कृष्णा के पाँव छू कर उनका आशीर्वाद लेती हैं. वो कहती हैं कि प्रभु मुझे आप को देने के लिए कुछ नहीं है तभी कृष्णा भगवान कहते हैं की ये धरती अमृत की तरह है और में इसका सेवन करूँगा. तभी कृष्णा धरती से माटी उठा कर खाते रहते हैं और तभी यशोदा की सखियां यशोदा को बताती हैं कि उसका लल्ला कृष्णा माटी खां रहा है.

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