
कश्मीर में स्थित सियाचिन ग्लेशियर पर कब्जे के लिए सशस्त्र बलों ने अभियान साल 1984 में 13 अप्रैल की तारीख को ही छेड़ा था.
इस अभियान को सेना ने ऑपरेशन मेघदूत का नाम दिया था. इस अभियान ने भारत को सामरिक-रणनीतिक तौर पर बढ़त दिलाई.
13 अप्रैल को 300 भारतीय सुरक्षाबल के जवानों ने ग्लेशियर की अहम चोटियों और दर्रों पर अपनी पोजिशन संभाल ली.
दुनिया के सबसे ऊंचे मैदान-ए-जंग में आमने-सामने लड़ाई का यह पहला मामला था.
साल 1949 के जुलाई माह में कराची एग्रीमेंट में खींची गई सरहद को लेकर अस्पष्टता थी. इसी वजह से भारत-पाकिस्तान में टकराव की स्थिति देखी गई.
आज भारतीय सेना 70 किलोमीटर लंबे सियाचीन ग्लेशियर, उससे जुड़े 3 छोटे ग्लेशियर, 3 प्रमुख दर्रों (सिया ला, बिलाफोंद ला और म्योंग ला) पर कब्जा रखती है.
सौजन्य: NEWSFLICKS