
सिंह बंधु (सिवेंदर सिंह और मलविंदर सिंह) के फोर्टिस हॉस्पिटल को बेंगलुरु स्थित मनिपाल हॉस्पिटल एंटरप्राइज ने खरीद लिया है. इसके साथ ही इस कंपनी ने सिंह बंधु की डायग्नोस्टिक कंपनी SRL में भी हिस्सेदारी खरीदी है.
इस सौदे को दोनों कंपनियों के बोर्ड ने मंजूरी दे दी है. इस अधिग्रहण के बाद राजस्व के हिसाब से मनिपाल बड़ी हेल्थकेयर सर्विस प्रोवाइडर कंपनी बन जाएगी.
इस डील के तहत फोर्टिस ने अपनी सब्सिडरी कंपनी SRL में भी मनिपाल को 20 फीसदी हिस्सेदारी बेची है. डील के अनुसार फोर्टिस के हर 100 शेयरों के बदले निवेशकों को मनिपाल हॉस्पिटल के 10.3 शेयर मिलेंगे. इस डील से फोर्टिस को 700 करोड़ रुपये मिलेंगे.
मनिपाल हॉस्पिटल और फोर्टिस हॉस्पिटल के साथ आ जाने से यह राजस्व के हिसाब से देश की सबसे बड़ी हेल्थकेयर कंपनी बन जाएगी. कंपनी के एक साथ आने के बाद इस एंटिटी के 41 अस्पताल देश में और 4 अस्पताल विदेशों में हो जाएंगे.
इसके अलावा 11 हजार से भी ज्यादा इंस्टॉल्ड बेड कैपेसिटी हो जाएगी. इसमें मनिपाल हॉस्पिटल के टीचिंग हॉस्पिटल के बेड भी शामिल होंगे. इसके बाद इस संयुक्त कंपनी के कुल 4,200 डॉक्टर, 9,300 नर्स और 11,400 अन्य कर्मचारी देशभर में होंगे.
बता दें कि इससे पहले सिवेंदर सिंह और मलविंदर सिंह ने अपनी फार्मा कंपनी रैनबैक्सी को बेची थी. करीब 10 साल पहले हुए इस सौदे में उन्होंने जापान की फार्मा कंपनी दायची सांक्यो को अपनी कंपनी बेची थी. हालांकि यह डील विवादों में फंस गई.
दरअसल दायची ने आरोप लगाया कि सिंह बंधु ने इस डील के दौरान उनके साथ धोखा किया. फिलहाल इस मामले में केस चल रहा है. बता दें कि पिछले महीने ही सिंह बंधु को दिल्ली हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा. हाईकोर्ट ने सिंह बंधु की दो कंपनियों में संपत्ति अटैच करने का आदेश दिया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने आरएचसी होल्डिंग्स और ऑस्कर इन्वेस्टमेंट में सिंह बंधु की संपत्ति अटैच करने का आदेश दिया. आरएचसी होल्डिंग्स और ऑस्कर इन्वेस्टमेंट में मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह की संपत्ति है. दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से यह आदेश रैनबैक्सी मामले में आर्बिट्रेशन अवार्ड का पालन कराने को लेकर दिया गया है.