
डायरेक्टरः प्रभुदेवा
कलाकारः अक्षय कुमार, एमी जैक्सन, लारा दत्ता, के.के. मेनन और रति अग्निहोत्री
स्टारः 3
सुबह के साढ़े नौ बजे का शो अक्सर शांति और कम लोगों वाला रहता है, लेकिन कुछ सितारे ऐसे हैं जिन्हें यह सौभाग्य प्राप्त है कि उनकी फिल्म को पहले शो से ही रिस्पॉन्स मिलने लग जाता है. ऐसे ही अक्षय कुमार भी हैं. सिंगल स्क्रीन थिएटर में उनकी फिल्म 'सिंह इज ब्लिंग' को देखकर समझ आ जाता है कि फिल्म पूरी तरह से एंटरटेनिंग है. हॉल में फ्रंट से लेकर रियर रो तक बजने वाली सीटियां इसे सिद्ध कर देती है. फिर हॉल से बाहर आते समय हाउसफुल का बोर्ड इस बात की ओर इशारा करता है कि फिल्म का मजेदार संगीत और पंजाबी तड़के को लेकर अच्छी हाइप भी है. हां, कहानी ढूंढने की जरूरत नहीं है. फिल्म पूरी तरह से मासेज को ध्यान में रखकर बनाई गई है. फुल एंटरटेनमेंट. अक्षय को कॉमेडी में देखना बढि़या है.
कहानी में कितना दम
एक सरदार (अक्षय कुमार ) है. जो काम नहीं करता. घर वाले परेशान होते हैं और उसे काम करने के लिए बाहर भेजते हैं. वह गोवा चला जाता है. वहां एक डॉन की बेटी (एमी जैक्सन) से उसकी मुलाकात होती है. जमकर हंसी मजाक होता है. प्यार होता है. सरदार अंग्रेजी नहीं जानता और विदेशी मेम को हिंदी नहीं आती है. बस कुछ कन्फ्यूजन होती है. कहानी में ज्यादा कुछ है नहीं, लेकिन फिल्म को जिस तरह से जोड़-तोड़ करके बनाया गया है, वह मजेदार है. सेकंड हाफ थो़ड़ा धीमा है. एमी जैक्सन को एक्शन करते देखकर मजा आता है. फिल्म में पंजाबी छौंक है और सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए है जो एंटरटेन की तलाश में हैं और दिमाग पर ज्यादा लोड नहीं डालना चाहते.
स्टार अपील
फिल्म में अक्षय कुमार सरदार के रोल में खूब जमे हैं. एक्टिंग उनकी हमेशा की तरह रही है. वह वाकई ऐसे लगते हैं कि पंजाब के सरदार हैं. रोल में उतर जाते हैं और ऐसे सीन क्रिएट करते हैं जिनसे दर्शक हंसने को मजबूर हो जाते हैं. एमी जैक्सन ने भी विदेशी बाला का किरदार बखूबी निभाया है. वे स्क्रीन पर जमती हैं. लेकिन इंटरप्रेटर के किरदार में लारा दत्ता खूब मजे दिलाती हैं. लंबे समय बाद वे स्क्रीन पर लौटी हैं, लेकिन इस बार अलग अंदाज में हैं और मजेदार लगती हैं. फिल्म में सनी लियोन की झलक भी मिलेगी. के.के. मेनन की एक्टिंग हमेशा की तरह लाजवाब है.
कमाई की बात
फिल्म की कहानी को लेकर बिल्कुल भी लोड नहीं लिया गया है. हंसने के भरपूर मौके दिए गए हैं, संगीत ऐसा है कि आप अपनी सीट पर बैठे पांव हिलाने लगते हैं. फिल्म पूरी तरह से मास एंटरटेनर है. सिंगल स्क्रीन के लिए फेस्टिवल सीजन का आगाज है. अगर बजट की बात करें तो फिल्म 70 करोड़ रु. में बनी है. फिल्म को मिल रहे मास रिस्पॉन्स को देखते हुए फिल्म के लिए इस आंकड़े को छूना कोई बड़ी बात नहीं होगी. हल्की-फुल्की फिल्म है, ऐसे में मास कनेक्ट होने की वजह से यह बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कर सकती है.