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Exclusive: सामने आया गुरमीत राम रहीम की गुफा का एक और काला सच

रेपिस्ट बाबा गुरमीत राम रहीम के बारे में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. बाबा की गुफा के बारे में पता चला है कि उसके कुछ खास दरवाजे हनीप्रीत के फिंगरप्रिंट से खुलते थे. उन्हीं दरवाजों से हनीप्रीत डेरा का खजाना खाली करके 28 अगस्त को फरार हुई थी.

बाबा की गुफा के दरवाजे केवल तीन लोगों के फिंगरप्रिंट से खुलते थे बाबा की गुफा के दरवाजे केवल तीन लोगों के फिंगरप्रिंट से खुलते थे
परवेज़ सागर/मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 12 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 2:58 PM IST

रेपिस्ट बाबा गुरमीत राम रहीम के बारे में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. बाबा की गुफा के बारे में पता चला है कि उसके कुछ खास दरवाजे हनीप्रीत के फिंगरप्रिंट से खुलते थे. उन्हीं दरवाजों से हनीप्रीत डेरा का खजाना खाली करके 28 अगस्त को फरार हुई थी.

जानकारी के मुताबिक डेरा प्रमुख राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद 4 दिनों तक हनीप्रीत सिरसा में ही ठहरी थी. डेरे में मौजूद बाबा की गुफा के खास दरवाजे गुरमीत राम रहीम के अलावा सिर्फ हनीप्रीत के फिंगरप्रिंट से खुलते थे.

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CID रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 28 अगस्त की रात को हनीप्रीत दो बड़े सूटकेस लेकर वहां से निकली थी. जांच में पता चला है कि पंचकूला हिंसा फैलाने के लिए काले धन का इस्तेमाल हुआ था. इसी बीच हरियाणा पुलिस ने राजस्थान के गुरुसर मोडिया से कुछ अहम दस्तावेज भी बरामद किए है.

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि हनीप्रीत इंसा 25 अगस्त की रात लगभग 2 बजे सिरसा पहुंची थी और 28 अगस्त की रात एक कांग्रेसी नेता की जेड प्लस सिक्योरिटी की आड़ में दो बड़े सूटकेस लेकर डेरा सच्चा सौदा से राजस्थान की और चली गई थी. उसके साथ राम रहीम का परिवार भी काले शीशे वाली गाड़ियों में सवार होकर निकला था.

गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम की गुफा के हाईटेक दरवाजे या तो उसके फिंगरप्रिंट से खुलते थे या फिर हनीप्रीत और उसके करीबी नौकर धर्म सिंह के फिंगरप्रिंट से. लेकिन उस वक्त गुरमीत सुनारिया जेल में बंद था. और उसका करीबी नौकर धर्म सिंह अंबाला की जेल में था इसलिए हनीप्रीत ही गुफा के दरवाजे खोल सकती थी.

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सूत्रों की मानें तो हनीप्रीत इंसा ने बाबा की गुफा के अलावा जितने भी दरवाजे सेंसर से खुलते थे. उन सभी के सेंसर नष्ट कर दिए थे. यही कारण था कि 7 सितंबर को जब कोर्ट कमिश्नर पुलिस बल के साथ छानबीन के लिए डेरा मुख्यालय पहुंचे थे, तो उनको सभी सेंसर युक्त दरवाजे खुले हुए मिले थे.

हनीप्रीत इंसा 28 अगस्त की रात को जिन दो बड़े सूटकेसों को डेरा से बाहर ले जाने की भनक खुफिया तंत्र को भी थी. उनका खुलासा आईबी की रिपोर्ट में भी किया गया है. हनीप्रीत इंसा ने सूटकेसों में जो दस्तावेज और रुपया पैसा बटोरा था. वह आखिर कहां छिपा कर रखा गया है. क्या गुरमीत राम रहीम के पैतृक गांव गुरुसर मोडिया में या फिर कहीं और? पुलिस इसी राज का पर्दाफाश करना चाहती है.

हालांकि हरियाणा के बड़े पुलिस अधिकारियों ने इस बात के संकेत दिए हैं कि हनीप्रीत इंसा ने करीब-करीब सब कुछ कबूल लिया है, लेकिन डेरा सच्चा सौदा की अकूत संपत्ति और नकदी के बारे में फिलहाल कोई पुख्ता जानकारी बाहर नहीं आई है.

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