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बाढ़ से आधे हिंदुस्तान का बुरा हाल, भारी बारिश का अलर्ट

गृह मंत्रालय के एक आंकड़े के अनुसार बारिश और बाढ़ की चपेट में आने से सात राज्यों में अभी तक 774 लोगों की मौत हो चुकी है. केरल में बाढ़ की स्थिति बेहद खराब है जबकि देश के कई अन्य हिस्सों में भी बारिश से हालात खराब बने हुए हैं.

कोच्चि में बाढ़ कोच्चि में बाढ़
वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 7:27 AM IST

केरल में लगातार बिगड़ती स्थिति के बीच देश में बारिश और बाढ़ से होने वाली तबाही बदस्तूर जारी है, और फिलहाल आने वाले एक-दो दिनों में राहत की कोई उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है. मौसम विभाग ने उत्तर से लेकर दक्षिण तक 16 राज्यों में दो दिन तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.

जानलेवा साबित हो रही बारिश

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गृह मंत्रालय के आए आंकड़े बताते हैं कि सात राज्यों में अभी तक 774 लोगों की मौत हो चुकी है. गृह मंत्रालय के नेशनल इमर्जेंसी रिस्पांस सेंटर (एनईआरसी) के मुताबिक बाढ़ और बारिश के कारण केरल में 187, उत्तर प्रदेश में 171, पश्चिम बंगाल में 170 और महाराष्ट्र में 139 लोगों की जान गई है. आंकड़ों में कहा गया है कि गुजरात में 52, असम में 45 और नगालैंड में आठ लोगों की मौत हुई है.

रिपोर्ट के मुताबिक केरल में 22 और पश्चिम बंगाल में पांच लोग लापता भी हैं. राज्यों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 245 लोग जख्मी हुए हैं. बारिश और बाढ़ की विभीषिका से महाराष्ट्र के 26, असम के 23, पश्चिम बंगाल के 22, केरल के 14, उत्तर प्रदेश के 12, नगालैंड के 11 और गुजरात के 10 जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. असम में एनडीआरएफ की 15, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में आठ-आठ, गुजरात में सात, केरल में 4, महाराष्ट्र में चार और नगालैंड में एक टीम को तैनात किया गया है.

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कर्नाटक की स्थिति भयावह

मूसलाधार बारिश की वजह से कर्नाटक के जलाशयों में जलजमाव का स्तर बढ़ता जा रहा है. इससे बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है. चेरुथोनी डैम के दो और गेट खोल दिए गए हैं ताकि इड्डुकी जलाशय में पानी का दबाव कम हो. खराब मौसम की वजह से राज्य के इड्डुकी, वायनाड़, पल्लकड़, एर्नाकुलम, कोझीकोड़, मालापुरम और कोलम आदि इलाकों में स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया है. राज्य के कई इलाकों में बचाव कार्य और क्षतिग्रस्त सड़कों के निर्माण के लिए सेना को तैनात किया गया है. राहत शिविरों में ठहरे हुए लोगों के लिए दवा और भोजन के इंतजाम किए जा रहे हैं.

केंद्र से तत्काल राहत मांगी

इस बीच, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने केंद्र से तत्कालिक राहत और पुनर्वास के लिए 820 करोड़ के अलावा 400 करोड़ रुपये की सहायता राशि की मांग की है. साथ ही उन्होंने केंद्र की टीम को पिछले हफ्ते हुए नुकसान का जायजा लेने दोबारा भेजने की अपील की है. सीएम ने केंद्र से चार हफ्तों के अंदर स्पेशल पैकेज दिए जाने की भी मांग की है. इसके लिए राज्य सरकार विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करेगी. शुरुआती आकलन के मुताबिक करीब 20 हजार मकान और राज्य की करीब 10 हजार किमी लंबी सड़कें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. 8316 करोड़ के नुकसान का अंदाज लगाया जा रहा है.

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उत्तर भारत में बाढ़ का मंजर

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और पंजाब के कई इलाकों में निरंतर बारिश और बाढ़ से स्थिति खराब है. यूपी के फर्राखाबाद में करीब 4 दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं. झांसी में नहरों में जल स्तर बढ़ने से लोग बाढ़ को लेकर सहमे हुए हैं. जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में बारिश से कई जगह सड़कें प्रभावित हुई हैं.

उत्तराखंड के कई हिस्सों में बारिश और भूस्खलन से स्थिति बिगड़ी हुई है. भारी भूस्खलन से देहरादून-मसूरी मार्ग बंद पड़ा हुआ है. राज्य के चंपावत, उद्मसिंह नगर, ऋषिकेश, रुद्रप्रयाग में हालात खराब हैं. रुद्रप्रयाग में भूस्खलन से सड़कों पर जाम लगा हुआ है और इसकी वजह से रविवार को एक महिला को सड़क पर ही अपने बच्चे को जन्म देना पड़ा. हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में भूस्खलन से एनएच 205 को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है.

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