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कहीं स्मार्टफोन तो नहीं है आपका रिलेशन खराब होने की वजह

अपने रिलेशनशिप को बनाए रखने के लिए आप क्या जतन नहीं करते लेकिन फिर भी दूरियों का अहसास कम नहीं हो रहा? तो जान लें कि आपका स्मार्टफोन आपके रिलेशनशिप में कड़वाहट घोलने की शुरुआत कर चुका है.

मोबाइल की वजह से बढ़ रही हैं दूरियां मोबाइल की वजह से बढ़ रही हैं दूरियां
aajtak.in
  • नई दि‍ल्ली,
  • 28 सितंबर 2015,
  • अपडेटेड 2:02 PM IST

अपने रिलेशनशिप को बनाए रखने के लिए आप क्या-क्‍या जतन नहीं करते लेकिन फिर भी दूरियों का अहसास कम नहीं हो रहा? हर समय आप दोनों के बीच किसी तीसरे की मौजूदगी का एहसास रहता है और पास होकर भी आपस में बातचीत करने का दिल नहीं करता या फिर समय मिलने पर साथ होकर भी आप दोनों अपनी दुनिया में मगन रहते हैं.

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अगर लग रहा है कि हमने आपके रिश्ते की ही कहानी बयां की है तो जान लें कि आपका स्मार्टफोन आपके रिलेशनशिप में कड़वाहट घोलने की शुरुआत कर चुका है. अगर इसे बचाना चाहते हैं तो तय करके कुछ वक्त अपने दोनों के लिए बिना मोबाइल के जरूर निकालें.

बेहतर होगा कि दिन में कम से कम एक घंटा अपने फोन के बिना एक-दूसरे के साथ रहें. अगर यह मु‍मकिन नहीं है तो जब भी मिलें, तो यह तय कर लें कि अगले एक घंटे तक आपको अपना फोन चेक नहीं करना है और यह भूल जाना है कि फेसबुक और ट्विटर पर क्या चल रहा है.

हर थोड़ी देर में फोन चेक करने की इस आदत को एक्सपर्ट स्मार्टफोन कम्पलशन का नाम देते हैं. ऐसे में व्यक्त‍ि को कुछ देर में अपना मोबाइल चेक करने की आदत हो जाती है और फिर यह ऐसी लत बन जाती है जिसमें वह अपने रिश्तों को भी नजरअंदाज करने लगता है. ऐसे में कपल्स के बीच दूरियां और गलतफहमियां बढ़ रही हैं. हालांकि हैरानी की बात यह है कि वे खुद भी इसकी वजह नहीं समझ पाते.

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ऐसे खत्म कर रहा है स्मार्टफोन आपके रिश्ते को

आप दोनों और फोन:
किसी भी कपल के बीच जब 'वो' की एंट्री होने लगे तो रिश्ते के तार कमजोर पड़ने लगते हैं. और इन दिनों स्मार्टफोन रिलेशन्स में तीसरा कोण बना हुआ है. लोगों पर इसका नशा इतना चढ़ चुका है कि पार्टनर की मौजूदगी में भी वे उससे बात करने की बजाय अपने फोन में भी व्यस्त रहते हैं. 2012 में ब्रिटेन में हुई एक स्टडी में बताया गया है कि जो कपल साथ बिताने के वक्त के दौरान भी स्मार्टफोन यूज करते हैं, उनके बीच विश्वास और गलतफहमियों पर हमेशा लड़ाई रहती है . ऐसे कपल के बीच आई कॉन्टैक्ट भी कम होता है जिससे भरोसा कमजोर पड़ता है.

मेसेज से उलझती बात:
एक बार अपना फोन चेक करें और देखें कि आखिरी बार पार्टनर को कब कॉल की थी. अब उस कॉल से लेकर अभी तक उसे किए गए मेसेज चेक करें. शायद आपको अपने बीच बढ़ती अनबन की वजह पता लग गई होगी. जब आप दोनों आपस में बात नहीं करेंगे और कुछ लिखे शब्दों के सहारे अपने रिलेशन को बढ़ाने का प्रयास करेंगे तो बात बनेगी कैसे! जरूरी नहीं कि जिस अर्थ के साथ आपने वह मेसेज भेजा हो, उसे वैसे ही समझ आए. कभी झगड़ा हो तो मेसेज करने की बजाय मिलने का प्लान करें या फोन पर बात करें. बात के जल्दी और आसानी से सुलझती देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे.

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रिश्ते पर भारी सोशल लाइफ:
स्मार्टफोन पर उपलब्ध अनगिनत सोशल एप के चलते पूरी दुनिया से कनेक्ट‍िविटी बनी रहती है और हमेशा यह जानने का क्रेज रहता है कि उस फ्रेंड ने क्या पोस्ट डाली, कौन ऑनलाइन है, हमारी पोस्ट पर कितने लाइक आए... वगैरह. ऑनलाइन इस दुनिया से हटकर हम असल जिंदगी के रिश्ते को कहां तक खो रहे होते हैं, इसका भान तक नहीं लग पाता. फिर आपके पोस्ट या ट्वीट को लेकर आपका पार्टनर शक कर सकता है या फिर उसे आपसे ईर्ष्या हो सकती है.

टाइम फैक्टर:
घर और ऑफिस की तमाम जिम्मेदारियों के बीच आप दोनों को वैसे ही साथ बिताने का वक्त कम मिलता होगा और जो मिलता है, उसे आप फोन पर बिता देते हैं. तो बताएं कि रिलेशन में करीबी और अपनेपन का एहसास कैसे आएगा? और जब ऐसी भावनाएं ही नहीं उमड़ेंगी तो रिश्ते को मजबूती कैसे मिलेगी . इसलिए जब भी साथ हों तो कुछ देर के लिए फोन से ब्रेक ले लें. वरना हो सकता है कि कुछ समय बाद साथ में सिर्फ मोबाइल रहे और आप समय पर रिलेशन न संभालने के लिए पछताते रहें.

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