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सुप्रीम कोर्ट जल्द करेगा गोरक्षक दलों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई

याचिका में कहा गया है कि‍ गोरक्षा के नाम पर कुछ लोग और ग्रुप्स पूरे देश में आतंक मचा रहे हैं जिसकी वजह से समाज में एक दुसरे समुदाय के बीच तल्खी पैदा की जा रही है.

सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट
अहमद अजीम/रोहित गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 14 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 5:01 PM IST

गोरक्षा के नाम पर हिंसा फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई का मामला अब सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है. स्वयंभू गोरक्षक समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई करेगा. याचिका, सामाजिक कार्यकर्त्ता तहसीन पूनावाला ने दायर की है.

याचिका में कहा गया है कि‍ गोरक्षा के नाम पर कुछ लोग और ग्रुप्स पूरे देश में आतंक मचा रहे हैं जिसकी वजह से समाज में एक दुसरे समुदाय के बीच तल्खी पैदा की जा रही है. आलम ये हो गया है की खुद प्रधानमंत्री को इन स्वयंभू गोरक्षकों को फर्जी और समाज को तोड़ने वाला बताना पडा.

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याचिकाकर्ता के मुताबिक ये गोरक्षक ग्रुप्स की नजर में संविधान और कानून का कोई सम्मान नहीं है और ये कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं. जो हिंसा ये ग्रुप कर रहे हैं उसमें भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में कार्रवाई हो सकती है. इसके अलावा ये लोग एससी-एसटी एक्ट का भी उल्लंघन कर रहे हैं. संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत भारतीय नागरिक को आजादी के साथ जिंदगी जीने के हक का भी ये ग्रुप उल्लंघन कर रहे हैं.

याचिका में हाई कोर्ट के फैसले का भी जिक्र
याचिका में मांग की गई है कि‍ ऐसे फर्जी गोरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट विभिन्न राज्य सरकारों को निर्देश दे. याचिका में ये भी मांग की गई है कि‍ कोर्ट केंद्र सरकार को निर्देश दे कि‍ इस तरह के स्वयंभू गोरक्षक समूहों पर पाबंदी लगाए ताकि समाज में आपसी प्यार और एकता बनी रहे. याचिका में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के हाल ही के फैसले का जि‍क्र भी किया गया है जिसमें गोरक्षा के नाम पर चल रहे गोरक्षा दलों पर कार्रवाई के लिए तमाम निर्देश दिए थे. कोर्ट ने कहा था कि‍ ये स्वयंभू गोरक्षा दल, कानून को अपने हाथ में कतई नहीं ले सकते. प्रशानिक लापरवाही के लिए जि‍म्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के भी निर्देश हाई कोर्ट ने दिए थे. लेकिन हाई कोर्ट के इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अभय मोहन सप्रे और जस्टिस अशोक भूषण की अवकाश बेंच ने रोक लगा दी थी.

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अब जल्द ही इस याचिका पर सुनवाई होगी और देखना ये है की सुप्रीम कोर्ट का इस पर क्या रुख रहता है.

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