
पाकिस्तान ने 12वें दक्षिण एशियाई खेलों से पहले भले ही अपने खिलाड़ियों को भारत भेजने को लेकर सुरक्षा की चिंताएं जताई हों लेकिन उनके दल के मिशन प्रमुख इस्लाहुद्दीन सिद्दिकी ने कहा है कि उनके देश के खिलाड़ियों को यहां ऐसे किसी मुद्दे का सामना नहीं करना पड़ा.
सैग खेलों की शुरुआत से पहले पाकिस्तान ने अपने खिलाड़ियों को गुवाहाटी और शिलांग भेजने को लेकर सुरक्षा चिंताएं जताई थी. उनकी राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने वाशिंगटन में राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के संघ की बैठक के दौरान भारतीय समकक्ष के साथ यह मुद्दा भी उठाया था.
अब जबकि सैग खेलों के समापन में केवल एक दिन शेष है उनके दल के मिशन प्रमुख सिद्दिकी ने कहा कि असम की राजधानी में उन्हें सुरक्षा को लेकर किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. अपनी पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ियों में शामिल रहे सिद्दिकी ने सुरक्षा के बारे में पूछने पर कहा, ‘मुझे इस तरह के किसी मुद्दे का सामना नहीं करना पड़ा. मुझे नहीं पता कि खेलों से पहले सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान की कोई चिंताएं थीं या नहीं. लेकिन जहां तक मुझे पता है यहां ऐसा कोई मुद्दा नहीं है.’
सिद्दिकी ने अपने देश के खिलाड़ियों की देखभाल के लिए आयोजकों की तारीफ भी की. साल 1978 में वर्ल्ड कप जीतने वाली पाकिस्तान की हॉकी टीम के कप्तान रहे सिद्दिकी ने कहा, ‘हमारे यहां पहुंचने के बाद से ही हमारा काफी अच्छी तरह ध्यान रखा गया और हमारी काफी अच्छी खातिर हुई. मुझे इस पर कोई शिकायत नहीं है.’
सिद्दिकी को हालांकि एक शिकायत है कि उनके कुछ खिलाड़ियों को ‘नान वैलिडेटेड पास (एनवीपी)’ जारी नहीं किए गए जो खेलों में हिस्सा लेना चाहते थे. लगभग एक दर्जन पाकिस्तानियों को एनवीपी जारी नहीं किए गए जो वीजा के तौर पर काम करते. सिद्दिकी ने कहा कि उन्होंने भारतीय अधिकारियों के साथ यह मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा, ‘मैंने यहां आयोजकों और आईओए के साथ यह मुद्दा उठाया लेकिन अब खेल खत्म होने वाले है. गेंद उनके पाले में है.’
सिद्दिकी को हालांकि मलाल है कि पाकिस्तानी टीम खेलों में उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही. पाकिस्तान इससे पहले 11 में से 10 प्रतियोगिताओं में दूसरे स्थान पर रहा लेकिन इस बार वह श्रीलंका से नीचे तीसरे स्थान पर खिसक गया है जबकि भारत काफी आगे शीर्ष पर है. उन्होंने हालांकि खराब प्रदर्शन के लिए पाकिस्तान ओलंपिक संघ में मतभेद पर दोष मढ़ने से इनकार कर दिया.